भूटानवासियों को पसंद आएगा छत्तीसगढ़ का चावल

भूटान से सम्मेलन में आए प्रतिनिधि ने की छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना



रायपुर। रायपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता (Buyer Seller) सम्मेलन में पहली बार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) आए भूटान के प्रतिनिधि एवं व्यापार जगत से जुड़े कमल प्रधान (Kamal Pradhan) ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों एवं कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे सहयोग की सराहना की। उनका मानना है कि किसान सिर्फ अपना पेट भरने के लिए ही अन्न नही उगाता। वह सबके लिए परिश्रम करता है और अन्न उगाता है ऐसे में किसान की भावनाओं को समझते हुए किसान हित में कदम उठाना सरकार का कर्तव्य भी होना चाहिए। कमल प्रधान ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों का बहुत सहयोग करती है। कृषि ऋण माफ करने, धान का अधिकतम समर्थन मूल्य देने के साथ किसानों के कृषि एवम लघु वनोपज को बाजार में पहुचाने की दिशा में शासन का प्रयास अदभुत है। इसी का परिणाम है कि इस सम्मेलन में कृषि उत्पादों की अलग पहचान दिख रही है।
    उन्होंने बताया कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि भारतीय राजदूत के माध्यम से मुझे यहाँ आने का मौका मिला। उन्होंने बताया कि भूटान देश के सम्पूर्ण भू-भाग का महज तीन प्रतिशत ही कृषि भूमि है। पर्वतीय इलाका होने की वजह से फसल उत्पादन आसान नही है। इसलिए अधिकतर खाद्यान्न सामग्री अन्य देश से आयात करना पड़ता है।
     भूटान के सरपंग जिला गेलफू सिटी कॉर्पोरेशन इलाके में रहने वाले बिजनेसमैन कमल प्रधान एक अन्य व्यापारी श्री नीमा लामा के साथ अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में भाग लेने आये हुए है। श्री कमल प्रधान ने बताया कि वे भी एक बड़े प्रगतिशील किसान है ,कृषि उत्पाद किसानों से लेकर सोसायटी के माध्यम से व्यापार भी करते है। वे भूटान में चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स से भी जुड़े है।

भूटान के लोग तीन टाइम चावल खाते है, यहाँ का चावल पसंद आएगा

कमल प्रधान ने बताया कि भूटान के लोग तीन टाइम रोजाना चावल खाना पसंद करते है। हालांकि वहाँ चावल का उत्पादन नाम मात्र को ही हो पाता है,क्योंकि वहाँ चावल उत्पादन के लिए पर्याप्त जगह नही है और मौसम भी अनुकूल नही है। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से आए किसानों द्वारा प्रदर्शित दुबराज,जवा फूल,जीरा फूल,विष्णुभोग, कोदो, कुटकी,आदि चावल की अलग अलग वेरायटी को देखकर कमल प्रधान ने इसे अपने भूटान देशवासियों के लिए महत्वपूर्ण और आज की जरूरत बताया। उन्होंने बताया कि भूटान में चावल खाना लगभग सभी पसन्द करते है ऐसे में वहा के लोगों को छत्तीसगढ़ का चावल बहुत पसंद आएगा। कमल ने छत्तीसगढ़ के किसानों द्वारा जैविक खाद का इस्तेमाल कर फसल उत्पादन करने पर किसानों की सराहना करते हुए कहा कि पोषण तत्व से भरपूर उत्पाद आज हर किसी की डिमांड में है।हम लोग भी चाहते है कि यहाँ से गुणवत्तायुक्त और पोषण से भरपूर उत्पाद हमारे देश पहुँचे।

व्यापारिक आदान प्रदान का मार्ग खुलेगा

क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में यहाँ के किसानों द्वारा प्रदर्शित चावल, दाल एवम अन्य जैविक कृषि उत्पादों का अवलोकन करने के पश्चात भूटान के कमल प्रधान और नीमा लामा ने इसे अपने देश के लोगों तक पहुचाने की दिशा में अलग अलग किसानों, सप्लायर्स अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा इस तरह का सम्मेलन कर  किसानों के उत्पादों को जरूरत के अनुसार सही जगह तक पहुचाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। मेरी यह पहली विजिट है और मैं देखना चाहता था कि किस तरह से यहाँ के उत्पादों को हम व्यापारिक लेन देन (बिजनेस ट्रांजेक्शन) के माध्यम से  प्राप्त कर सकें। नीमा लामा ने बताया कि भूटान चूंकि पर्वतीय इलाका है ऐसे में वहा भुट्टे का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा सेव, संतरा, अदरक की पैदावार अधिक होती है।

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