हिरोइन बनने से पहले चोर बाजार जाया करती थी: श्रद्धा कपूर


श्रद्धा कपूर की पिछली फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू नहीं चली, मगर स्त्री की सुपर सक्सेज ने उन्हें अभिनेत्री के रूप में परिष्कृत किया। इन दिनों वह चर्चा में हैं अपनी आगामी फिल्म साहो को लेकर। इस मुलाकात में वह साहो, अपने करियर, नाकामी, रोमांस, रिश्तों, ट्रोल्स और हिरोइन बनने के बाद दी जानेवाली कुर्बानी की बातें करती हैं।
अगर आपकी फिल्म साहो की बात करें तो फिल्म को लेकर लोगों की अपेक्षाएं आसमान छू रही हैं। बाहुबली के दो साल बाद प्रभास इसमें नजर आएंगे, तो क्या प्रेशर फील कर रही हैं?
निश्चित रूप से यह मेरे करियर की बहुत बड़े बजट वाली फिल्म है, तो प्रेशर भी बड़ा है। फिल्म में प्रड्यूसर्स ने बहुत यकीन किया है। इसमें इंटरनैशनल ऐक्शन डायरेक्टर्स को बुलाया गया है। फिल्म पर मेहनत भी खूब लगी है और लोगों की उम्मीदें भी बहुत हैं, तो झूठ नहीं कहूंगी, मैं प्रेशर तो फील कर ही रही हूं।
बत्ती गुल मीटर चालू की नाकामी से कैसे उबरीं?
सच कहूं, तो अब मुझे फिल्मों के ऊपर-नीचे (हिट-फ्लॉप) होने की आदत हो चुकी है। मेरे करियर के शुरुआती दौर की दो फिल्में तीन पत्ती और लव का दी एंड नहीं चली, फिर आशिकी 2 ब्लॉकबस्टर साबित हुई। फिर एक विलेन, हैदर और एबीसीडी 2 खूब चली, मगर रॉक ऑन टू और हसीना पिट गई। बत्ती गुल... भी लोगों को पसंद नहीं आई, मगर स्त्री ने रेकॉर्ड तोड़े। अब ये समझ में आ गया कि ऐसा तो होगा ही। पहले फिल्म न चलने पर दिल बुरी तरह से टूटता था। अब भी बहुत बुरा लगता है, मगर अब एक बात समझ में आ गई है कि हिट-फ्लॉप्स से काम के प्रति दीवानगी कम नहीं होती। मैं उसी पर फोकस करती हूं।
स्त्री से पहले तक बॉलिवुड में हॉरर फिल्में डरावने भूत-प्रेत पर आधारित होती थीं, मगर स्त्री से आपने हॉरर कॉमिडी का एक नया ट्रेंड शुरू किया। क्या कहना चाहेंगी?
यह बहुत ही खुशी की बात है कि अब भविष्य में हॉरर फिल्मों में कॉमिडी का तड़का भी देखने को मिलेगा। सच कहूं तो जब मुझे इस फिल्म का प्रस्ताव मिला, तो निर्देशक अमर कौशिक पर मुझे पूरा यकीन था कि वो एक बहुत ही अच्छी फिल्म बनाएंगे। जब भी आपको एक अच्छी फिल्म का हिस्सा बनने का मौका मिलता है और उसके साथ ऑडियंस का प्यार भी मिलता है, तो एक अभिनेत्री के रूप में आप संतुष्टि महसूस करते हैं।
आपने कश्मीर की समस्या पर आधारित हैदर जैसी फिल्म की, आप आर्टिकल 370 के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
कश्मीर को मैं ढेर सारा पीस, बहुत सारी शांति और मानवता विश करना चाहूंगी। मुझे इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना इस मुद्दे को लेकर।
आपके पिता शक्ति कपूर के जमाने में अनिल कपूर, जैकी, सुनील शेट्टी जैसे कई कलाकार रिश्तों के लिए फिल्म किया करते थे। आप फिल्मों को चुनने के मामले में रिश्तों को कितनी अहमियत देती हैं?
मैं भी इंडस्ट्री में रिश्तों को महत्व देती हूं और उन रिश्तों को कभी खराब नहीं करना चाहूंगी, जिन्होंने आप पर तब विश्वास जताया होता है, जब आप खुद पर शक कर रहे होते हैं। उन रिश्तों में मेरे लिए मोहित सूरी हैं, जिन्होंने मुझे आशिकी2 दी। जब मुझे लगा कि मैं डांस नहीं कर पाऊंगी, तब रेमो सर ने कहा, हो जाएगा। उन्होंने मुझे डांस बेस्ड एबीसीडी 2 की हिरोइन बनाया। तीन पत्ती की नाकामी के बाद आदित्य चोपड़ा ने मुझे लव का दी एंड के लिए चुना। इन सभी के लिए मेरे दिल में खास जगह है।
अभिनेत्री बनने के बाद ऐसी कौन-सी चीजें हैं, जो आपको छोडऩी पड़ी हैं?
आम जिंदगी में होनेवाली चीजों की कुर्बानी देनी पड़ी है। मुझे रिक्शे में जाना, घर तक पैदल चलकर जाना और दुकानों में मोलभाव करना बेहद पसंद है। अब मैं यह सब नहीं कर पाती। आपको बता दूं कि मैं एक बहुत अच्छी बार्गेनिंग कर लेती हूं एक्ट्रेस बनने से पहले मैं चोर बाजार जाया करती थी और जमकर खरीददारी किया करती थी। 

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