- -देश के 652 जिलों में 5050 से अधिक जनऔषधि स्टोर सक्रिय
- देश के प्रत्येक ब्लॉक में वर्ष 2020 तक कम से कम एक पीएमबीजेपी केंद्र होगा: मनसुख
मंडाविया ने बताया कि जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 7 मार्च को पूरे भारत में जनऔषधि दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। माननीय प्रधानमंत्री 7 मार्च को दोपहर 1:00 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देशभर में जनऔषधि केंद्रों के मालिकों और योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे। विकास के अगले चरण के बारे में बात करते हुए मंडाविया ने कहा कि प्रगति की इस रफ्तार के साथ देश के सभी ब्लॉकों में 2020 तक कम से कम एक पीएमबीजेपी केंद्र होगा।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में चर्चा करते हुए, जिसमें उनका कहना है कि देश में अच्छी गुणवत्ता वाली सस्ती दवाओं की अनुपलब्धता के कारण किसी गरीब व्यक्ति की मृत्यु ना हो, मंडाविया ने कहा कि अधिक से अधिक डॉक्टरों द्वारा जेनेरिक दवाएं लिखे जाने और 652 जिलों में 5050 से भी अधिक जनऔषधि स्टोर खोले जाने से देश में उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता बढऩे के साथ-साथ उसके बारे में जागरूकता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जनऔषधि दवाओं से प्रतिदिन लगभग 10-15 लाख लोग लाभान्वित होते हैं और जेनेरिक दवाओं की बाजार हिस्सेदारी पिछले 3 वर्षों में तीन गुना बढ़कर 2 प्रतिशत से 7 प्रतिशत हो गई है।
मंडाविया ने कहा कि स्वास्थ्य विकास का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस सरकार ने लगातार आयुष्मान भारत, पीएमबीजेपी जैसी योजनाओं के माध्यम से सभी के लिए किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने की दिशा में काम किया है। भारत में जानलेवा बीमारियों से पीडि़त रोगियों के इलाज पर आने वाले खर्च में कमी लाने में जनऔषधि दवाओं की बड़ी भूमिका है। पीएमबीजेपी योजना ने आम नागरिकों के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की कुल बचत की है, क्योंकि ये दवाएं औसत बाजार मूल्य की तुलना में 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं।
फार्मास्यूटिकल विभाग में सचिव जे.पी. प्रकाश ने बताया कि कल जनऔषधि दिवस समारोह के हिस्से के रूप में, इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी पीएमबीजेपी केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में डॉक्टरों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, गैर-सरकारी संगठनों और लाभार्थियों की भागीदारी होगी, जिससे इस योजना के बारे में आम लोगों तक जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।
ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सचिन कुमार सिंह ने कहा कि पीएमबीजेपी के माध्यम से स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अच्छा स्रोत भी उपलब्ध हो रहा है। बीपीपीआई द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार प्रतिमाह औसत बिक्री प्रति स्टोर 1.50 लाख रुपये (ओटीसी और अन्य उत्पादों सहित) तक बढ़ गई है। चार बड़े गोदामों दिल्ली, गुवाहाटी, बेंगलुरु, चेन्नई को खोला गया है, ताकि सभी पीएमबीजेपी केंद्रों पर जनऔषधि दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
सिंह ने पीएमबीजेपी योजना के तहत पहले से लॉन्च किए गए और पीएमबीजेपी केंद्रों में उपलब्ध किफायती गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इसमें अन्य चीजों के अलावा, 2.50 रूपये प्रति पीस में जनऔषधि सुविधा ऑक्सोबायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन, 140 रूपये प्रति पैक जनऔषधि स्वाभिमान (5 एडल्ट डायपर के लिए), 20 रुपये प्रति पैक जनऔषधि बचपन (5 बेबी डायपर), 20 रुपये में जनऔषधि अंकुर गर्भावस्था परीक्षण किट, 35 रूपये में जनऔषधि ऊर्जा एनर्जी ड्रिंक (300 ग्राम पैक के लिए) शामिल हैं।(साभार-पीआईबी)