उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन लेने वाले आज भी केरोसिन के भरोसे


  • औसत रूप से साल में एक बार करा रहे रिफलिंग
  • राज्य में केरोसिन का कोटा बढ़ाने सीएम ने लिखा पत्र 

रायपुर । राज्य में उज्जवला योजना के अंतर्गत बांटे गए गैस कनेक्शनों की रिफलिंग कम होने के बाद भी राज्य के केरोसिन कोटे में कटौती किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केेन्द्रीय मंत्री को पत्र लिखकर केरोसिन का कोटा बढ़ाए जाने की मांग की है।
केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री के नाम लिखे पत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ध्यान आकृष्ट कराते हुए लिखा है कि राज्य में वर्ष 2016 में उज्जवला योजना आरंग की गई थी। आज तक राज्य में 26 लाख 79 हजार हितग्राहियों को गैस कनेक्शन का वितरण किया गया है। राज्य में वर्ष 2015-16 में करोसिन का आबंटन 1172 लाख लीटर के स्थान पर वर्ष 2018-19 में 1.15 लाख लीटर कर दिया गया है। उज्जवला योजना के हितग्राहियों द्वारा नियमित रूप से गैस सिलेंडरों की रिफलिंग नहीं कराई जा रही है। इसके पीछे मुख्य कारण हितग्राहियों के दूरस्थ अंचलों में निवास करने, वहां पर्याप्त रिफलिंग हेेतु गैस एजेंसियों के कार्यरत न होने तथा रिफलिंग की कीमत एकमुश्त 773 रूपए जमा करना है। सीएम श्री बघेल ने पत्र में बताया कि वर्ष 2018-19 में कुल रिफिल कराए गए गैस सिलेंडरों की संख्या केवल 25, 23, 664 है। इस लिहाज से प्रत्येक हितग्राहियों द्वारा वर्ष में औसतन केवल एक बार रिफलिंग कराई गई है। इससे स्पष्ट है कि हितग्राही आज भी गैस सिलेंडर के बजाए केरोसिन का उपयोग ईंधन के रूप में कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य के केरोसिन का कोटा कम किया जाना उचित नहीं है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि राज्य में केरोसिन का कोटा बढ़ाया जाए, जिससे दूरस्थ अंचलों में वास करने वाले गरीब परिवारों को भटकना न पड़े।  

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