मंत्री की एसपी के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाजी उचित नहीं - केदार कश्यप


जगदलपुर । सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला के ट्रांसफर मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप, आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर जमकर बरसते हुए कहा कि सरकार अधिकारियों के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रही है। पिछले दो ढाई महीनों में कांग्रेस सरकार में जो ट्रांसफर उद्योग स्थापित हुआ है, उसकी ही परिणीति सुकमा एसपी का तबादला है।
श्री कश्यप यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि सुकमा एक नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। वहां की सुरक्षा को देखते हुए एसपी किसी भी पुलिस कर्मी को नियुक्त करता है। ऐसे में मंत्री द्वारा एसपी के अधिकार क्षेत्र में दखलंदाजी उचित नहीं है।
दरअसल सोशल मीडिया पर आज दो पत्र तेजी के साथ वायरल हो रहे हैं। जिनमें से एक पत्र मंत्री कवासी लखमा की ओर से सुकमा जिले के एसपी जीतेन्द्र शुक्ला को भेजा गया था। इस पत्र में जिले में पदस्थ एक निरीक्षक का स्थानांतरण दूसरे थाने में करने के संबंध में निर्देश दिया गया था।
इस पत्र के जवाब में सुकमा एसपी जीतेन्द्र शुक्ला ने मंत्री को पत्र प्रेषित किया, जिसमें लिखा गया है कि जिले में किसी भी प्रकार से कानून-व्यवस्था और सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की होती है जो वे अपने अधिनस्थ थाना प्रभारियों के माध्यम से करते हैं। यह पुलिस अधीक्षक का विशेषाधिकार है कि वे इस कार्य हेतु किसे नियुक्त करें और हटाएं। पुलिस अधीक्षक के कार्य में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करना या प्रभाव डालना उचित नहीं है।
यह पत्र व्यवहार 15 से 21 फरवरी के बीच हुआ और फिर इसके 15 दिनों के भीतर ही एसपी जीतेन्द्र शुक्ला का सुकमा से तबादला कर दिया गया। जिसे लेकर सुकमा एसपी ने सोशल मीडिया में अपनी पीड़ा भी व्यक्त की है। 

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