शराबबंदी के लिए राजनीतिक-सामाजिक दोनों स्तरों पर होगा विचार : भूपेश बघेल


  • सीएम भूपेश ने कहा, पहले मेरी पूरी बात तो सुन लीजिए जोगी जी
रायपुर । विधानसभा में आज शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार पूर्ण शराबंदी के पक्ष में है, लेकिन इसे एक झटके में लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक बुराई है और इस पर रोक लगाकर इसे समाप्त नहीं किया जा सकता। विधानसभा में आज पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सवाल पूछा कि घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की गई थी तो फिर उसे लागू क्यों नहीं किया जा रहा है? सीधे पूर्ण शराबबंदी की घोषणा सरकार क्यों नहीं कर रही है। सदन में अजय चंद्राकर नेे शराबबंदी को लेकर सवाल पूछा, इसके बाद श्री जोगी ने भी पूरक प्रश्र किया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पूरक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी तो होगी। उनकी सरकार पूर्ण शराबबंदी को लेकर संकल्पित है और सरकार जरूर शराबबंदी करेगी। उनकी सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की है और उसे लागू जरूर करेगी, लेकिन लागू करने से पहले सरकार ये देखना चाहती है कि जिन प्रदेशों में शराबबंदी लागू की गयी है, वहां क्या स्थिति है? क्या वहां शराबबंदी सफल रही है? या फिर घर पहुंच सेवा शुरू हो गयी? सरकार ने इसके लिए दो कमेटी बनाने का इसलिए फैसला किया है, ताकि एक राजनीतिक पहलू से विचार हो और दूसरा समाजिक स्तर से। शराब एक समाजिक बुराई है इसे सिर्फ रोक लगाकर खत्म नहीं किया जा सकता, एक झटके में शराबबंदी कर लोगों को मौत के मुंह में नहीं ढकेल सकते। मुख्यमंत्री अपना जवाब दे ही रहे थे कि अजीत जोगी ने बीच में टोकते हुए कहा कि शराबबंदी की बात तो आपने घोषणापत्र में कही थी, जिसके बाद भूपेश बघेल ने कहा कि जोगी जी मेरी पूरी बात तो सुनिये। जब आप सवाल कर रहे थे तो हम चुप होकर सुन रहे थे, हमें जनादेश 50 दिन के लिए नहीं मिला है, पूरे पांच साल के लिए मिला है और हमने जो कहा है वो कर रहे हैं इसे भी करेंगे। क्या कभी किसी ने सोचा था कि 2500 रुपये में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होगी? हम कर रहे हैं, विपक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा, इन्होंने तो कहा था कि जर्सी गाय देंगे दिया क्या? 15 लाख सभी का खाते में आयेंगे, आया क्या ? लेकिन हमने जैसा कहा है वैसा करेंगे। शराबबंदी भी करेंगे इसी सत्र में आप लोगों को भी बुलायेंग सलाह लेंगे, पूछेंगे कि क्या करना है जल्द ही कमेटी का गठन होगा और फिर सरकार उस कमेटी के आये फैसले पर विचार करेगी। 

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