नरेश गोयल के हाथ से निकली जेट एयरवेज, कर्जदाता बैंकों का होगा नियंत्रण


मुंबई । जेट एयरवेज पर इसके फाउंडर-प्रमोटर नरेश गोयल का कंट्रोल खत्म होने वाला है। एयरलाइन कंपनी के बोर्ड ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें बैंकों के समूह को इसका सबसे बड़ा शेयरधारक बनने की इजाजत देने की बात कही गई है। गोयल ने इस एयरलाइन की शुरुआत अप्रैल 1992 में की थी। इसमें अब गोयल का हिस्सा घटकर 20 प्रतिशत तक जा सकता है, जो अभी 51 प्रतिशत है। वहीं बोर्ड की ओर से मंजूरी वाले प्रस्ताव के मुताबिक, एतिहाद एयरवेज अपनी हिस्सेदारी 25 प्रतिशत से ज्यादा कर सकती है।
गुरुवार को जेट के बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि एसबीआई की अगुवाई में बैंक अपने कर्ज का एक हिस्सा इच्टिी में बदल देंगे और इस तरह वे सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे।
बयान में कहा गया कि बैंकों की अगुवाई में बनाया गया यह रिजॉल्यूशन प्लान करीब 8,500 करोड़ रुपये का फंडिंग गैप पूरा करेगा। इसे इच्टिी इंफ्यूजन, डेट रिस्ट्रक्चरिंग, सेल और लीज बैक/रीफाइनैंसिंग के उचित मिक्स के जरिए किया जाएगा। यह अभी साफ नहीं हुआ है कि इस डील का स्ट्रक्चर किस तरह तैयार किया जाएगा, लेकिन यह साफ है कि कंपनी पर गोयल का कंट्रोल खत्म होने वाला है।
रिजॉल्यूशन प्लान पर जेट के शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होगी। शेयरधारकों की बैठक 21 फरवरी को होगी। बैंक अपने डेट को आरबीआई सर्कुलर के अनुसार एक रुपये के भाव पर कन्वर्ट करेंगे। इसका मतलब यह है कि जिन कंपनियों की बुक वैल्यू नेगेटिव हो, उनके लिए एक रुपये का प्राइस।
शेयरधारकों की बैठक में कंपनी की ऑथराइज्ड कैपिटल बढ़ाने की मंजूरी भी ली जाएगी। एयरलाइन ने कहा कि बैंकों को 11.4 करोड़ शेयर अलॉट किए जाएंगे। उसने यह नहीं बताया कि कर्ज का कितना हिस्सा इच्टिी में बदला जाएगा या कितना नया फंड जुटाया जाएगा। एयरलाइन का इरादा ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को बढ़ाकर 2,200 करोड़ रुपये करने का है। इसमें 680 करोड़ रुपये इच्टिी कैपिटल के और 1,520 करोड़ रुपये प्रेफरेंस शेयर कैपिटल के होंगे।
जेट ने दिसंबर तिमाही में भी घाटा दर्ज किया। इस तरह उसे लगातार चौथी तिमाही में घाटा हुआ है। कंपनी को 732 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ। सालभर पहले की इसी तिमाही में उसे 186 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। इसकी आमदनी 6411 करोड़ रुपये के साथ फ्लैट रही। 

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