- नक्सलियों के मंसूबों पर फिरा पानी
बीजापुर । जिले की सरहद से लगे अबूझमाड़ इलाके में हाल ही में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में अपने 10 साथियों को गंवाने के बाद से नक्सली बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में वे बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। इसके लिए माओवादियों ने बाकायदा तैयारी भी कर रखी थी। लेकिन फोर्स के जवानों ने मुस्तैदी दिखाते नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम कर दिया।
8 किमी दूर मनकेली गांव की नक्सलियों ने दो सौ से भी अधिक स्पाईक होल से किलेबंदी कर रखी थी और दो स्मारक भी बनाए थे। सिविक एक्शन प्रोग्राम के लिए गई सीआरपीएफ की 85 बटालियन ने बुधवार को स्मारकों को ढहा दिया और स्पाइक होल से सरिया और बांस की खपच्चियां निकाल इलाके को सुरक्षित किया।
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सीआरपीएफ की 85 बटालियन के सीईओ सुधीर कुमार ने बताया कि मनकेली, चिलनार, काकेकोरमा एवं आसपास के गांवों में उनकी बटालियन ऑपरेशन और सिविक एक्शन प्रोग्राम चला रही है।
बुधवार को काकेकोरमा, चिलनार, कोकरा और मनकेली में द्वितीय कमान अधिकारी हरविंदर सिंह की अगुवाई में सहायक कमाण्डेंट डॉ मनीर खान समेत जवान सिविक एक्शन और ऑपरेशन के लिए निकले थे। तभी मनकेली में एक गड्ढे में गाय मृत अवस्था में दिखाई दी। दरअसल, ये स्पाईक होल में गिरी थी और उसकी इससे मौत हो गई थी।
सीआरपीएफ अफसर के मुताबिक मनकेली, चिलनार और कोकरा गांवों को नक्सलियों ने 200 से अधिक स्पाईक होल से घेर रखा था। सबसे ज्यादा होल मनकेली गांव के चारों ओर थे। इसमें 4 से 5 फुट के नुकीले सरिए थे। बांस की खपच्चियां भी रखी गईं थीं। गड्ढे 5 से 6 फीट लंबे और 4 फीट गहरे थे। इनके उपर सूखी पत्तियां रखी गईं थी जो जवानों को फांसने काफी थीं। जवानों ने सभी होल से नुकीले सरिया निकाले और इलाके को सुरक्षित किया।
