15 करोड़ का टेण्डर 12 करोड़ में लिया, नहर मरम्मत में भ्रष्टाचार


  • ठेकेदार को सिंचाई विभाग का संरक्षण, सी एम से शिकायत
कोरबा । कोरबा-बरपाली नहर मरम्मत को तत्काल रोककर भ्रष्टाचार की उचित जांच करने ओर लम्बे समय से कोरबा में पदस्थ अधिकारी की जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया गया है। प्रेषित शिकायत में कहा गया है कि कोरबा जिला सिंचाई विभाग में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। बांयी तट नहर में पानी की जगह भ्रष्टाचार बह रहा है।
मिनीमाता बांगो नहर संभाग जांजगीर के अधीनस्थ बायीं तट नहर योजना किलोमीटर 18 से 44 तक नहर मरम्मत जिसमें पूरे सिल्ट को निकालकर नये ढंग से कांक्रीट करने का कार्य शामिल है, इस कार्य के लिए टेंडर कॉल किया गया था। जांजगीर चांपा जिले के बाराद्वार निवासी ठेकेदार रितेश अग्रवाल ने 20 प्रतिशत कम दर में टेंडर प्राप्त किया। निविदा की कुल लागत 15 करोड़ रूपये आंकी गयी थी। चूंकि टेंडर 20 प्रतिशत कम दर पर लिया गया इसलिए इसकी लागत 12 करोड़ रूपये है। इस कार्य के लिए प्राक्कलन में 26 किलोमीटर का मरम्मत कांक्रीट के साथ प्रस्तावित है तथा लगभग दो तिहाई कार्य पूर्ण हो चुके हैं। ठेकेदार को 8 करोड़ रूपये का भुगतान भी हो चुका है। वर्तमान में कार्य 18 वां किलोमीटर से 32 वां किलोमीटर तक चल रहा है जबकि इतने अवधि तक इसे पूर्ण कर लिया जाना था। शिकायत में कहा गया है कि प्रॉक्कलन के अनुसार कोई भी कार्य नहीं किये जा रहे हैं। पुराने कांक्रीट को तोड़कर बाहर नहीं निकाला जा रहा है बल्कि उसके मलबे को नहर में ही फैला दिया जाता हेै। जहां-जहां अधिक मिट्टी निकल गई तथा गड्ढा हो गया है उसमें मिट्टी, मुरूम भरे तो जा रहे हैं लेकिन उनका कम्पेक्शन नहीं किया जा रहा है। कांक्रीट के नीचे ना तो बीम बनाया जा रहा है ना तो बेस तैयार किया जा रहा है। कांक्रीट में उपयोग होने वाली सामाग्री गुणवत्ताहीन ढलाई का निर्धारित अनुपात 1:3:6 के स्थान 1:4:7 की सामग्री डाली जा रही है। बाईब्रेटर तथा मिक्चर मशीन का उपयोग ठीक से नहीं किया जा रहा है।
शिकायत है कि निविदा में निर्धारित 26 किलोमीटर की सामाग्री को 14 किलोमीटर में ही पूरा कर दिया जा रहा है, जबकि टेंडर में इतने मूल्य के कार्यों को 26 किलोमीटर याने किलोमीटर 18 से 44 तक पूरा किया जाना था। इस तरह शेष 12 किलोमीटर का कार्य कौन करेगा तथा उसकी राशि किस मद से दी जायेगी? यह प्रश्र चिन्ह बना हुआ है। क्या ठेकेदार द्वारा 12 किलोमीटर का कार्य नहीं किया जा रहा है या विभाग इस कार्य के लिए शासन को फिर से करोड़ों का चूना लगना चाहता है ? ठेकेदार व अधिकारी प्राक्कलन की जानकारी छुपाने के साथ किसी से कुछ भी बात करने के लिए तैयार नहीं हेै। इससे लगता है कि सिंचाई विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से 12 करोड़ का चूना शासन को लगाया जा रहा है। यह भी जानकारी मिली है की अब तक जो कार्य हुए हैं उन्हें विभाग द्वारा करना बताया जा रहा है। वास्तविकता का पता तो विस्तृत जांच के बाद ही चलेगा लेकिन यह भी सच है कि इस कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किये जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता दिलीप मिरी ने कहा है कि कोरबा जिले में कई वर्षों से बड़े अधिकारी सिंचाई विभाग में पदस्थ हैं, इनकी जांच की जानी चाहिए ताकि इनके कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार सामने आ सकें। इस काम के सिलसिले में मॉनिटरिंग करने वाले इंजीनियर श्री राठौर का आरोप के संबंध में कहना है कि उनका काम अखरापाली तक था जो पूरा हो चुका है, आगे का काम श्री भदोरिया व सब इंजीनियर साहू देख रहे हैं। काम की गुणवत्ता ठीक है और दो पानी भी चलाया जा चुका है। सिंचाई विभाग सिवनी के एसडीओ श्री कुर्रे का कहना है कि इस बारे में ईई ही बता पायेंगे, हमें वक्तव्य का अधिकार नहीं है। काम ठीक चल रहा है जिसे देखा जा सकता है। 

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