तमिलनाडु में बंधक दो ग्रामीणों को पुलिस ने छुड़ाया

कोरबा । तमिलनाडु में बंधक बनाए गए दो ग्रामीण को पुलिस के प्रयास से छुड़ाया गया है। पिछले आठ माह से एक रबर फैक्ट्री में बंधुआ मजदूर के रूप में कार्य कर रहे थे। फैक्ट्री संचालक मजदूरी के एवज में भुगतान भी नहीं कर रहा था। इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई थी। जानकारी के अनुसार पाली थानांतर्गत आने वाला ग्राम दर्राभाठा निवासी ओमप्रकाश को आठ माह पहले कटघोरा में रहने वाला मजदूर सप्लाई करने वाला एक एजेंट तमिलनाडु में अच्छे वेतन पर काम दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। ओमप्रकाश के साथ कटघोरा का एक अन्य ग्रामीण भी गया था। बताया जा रहा है कि एजेंट ने तमिलनाडु के जलेम में संचालित एक रबर फैक्ट्री में दोनों को काम पर लगा दिया और इसके एवज में संचालक से मोटी रकम लेकर रफूचक्कर हो गया। दोनों मजदूर दिन.रात काम करतेए पर उन्हें मजदूरी नहीं दी जा रही थी। संचालक का कहना था कि एक साथ एजेंट को रकम दे दिया गया है। बंधक बना लिए गए मजदूर वापस गांव लौटने का प्रयास किएए पर उन्हें जाने नहीं दिया गया। किसी तरह इसकी सूचना ओमप्रकाश ने अपने परिजनों तक पहुंचाई थी। उसकी नानी बीते दिनों पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा से मुलाकात की और आपबीती सुनाई। इसके बाद एसपी ने पाली पुलिस को मजदूर को छुड़ाने के निर्देश दिए। पाली पुलिस ने एड्रेस के मुताबिक जलेम पुलिस से मोबाइल पर संपर्क किया और मजदूरों को छुड़ाने की पहल की। जलेम पुलिस रबर फैक्ट्री पहुंची तो कोरबा के ही कटघोरा के एक और मजदूर का पता चला। जलेम पुलिस ने दोनों मजदूर को छुड़ाकर ट्रेन से छत्तीसगढ़ के लिए रवाना कर दिया। बुधवार को दोनों मजदूर सकुशल कोरबा पहुंच गए। 

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