सेंट्रल जेल परिसर में 3 घंटे धरने पर बैठी रहीं बेला भाटिया


  •  जेल अधीक्षक बंदियों की पेशी डेट नहीं दे रहे थे
जगदलपुर । समाजसेवी बेला भाटिया जगदलपुर केंद्रीय जेल परिसर में धरने पर बैठ गई हैं। उनका कहना है कि उन्हें जेल में बंद उनके 3 क्लाइंट की पेशी की तारीख नहीं दी जा रही है। जिसे लेकर बेला भाटिया ने तारीख नहीं मिलने तक धरने पर बैठने का फैसला लिया है। लगभग 3 घंटे बाद अंतत: जेल प्रशासन द्वारा पेशी डेट दिये जाने के बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त किया।
बेला ने आरोप लगाया है कि जेल प्रबंधन द्वारा उनके साथ जानबूझकर इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नियम के मुताबिक जेल में बंद कैदी के पेशी की डेट जेल प्रबंधन और न्यायालय द्वारा जारी की जाती है। जेल प्रबंधन द्वारा शाम को उन्हें बुलाया भी गया था, लेकिन शाम 6.00 बजे से अपने क्लाइंट की पेशी की तारीख लिखित या मौखिक रूप से मांगने के बावजूद जेल अधीक्षक द्वारा नहीं उन्हें कोई जानकारी दी जा रही है और न ही उनके क्लाइंट से मिलने दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि, उनके साथ दूसरी बार हुए इस तरह के बर्ताव से नाराज होकर उन्होंने धरने पर बैठने का फैसला लिया। वहीं जब तक पेशी की डेट नहीं दी जाती, तब तक वे अपनी मांग को लेकर सत्याग्रह पर बैठी रहेंगी।
दरअसल बेलिया भाटिया नक्सल मामलों के विचाराधीन बंदियों के लिए वकील का काम करती हैं और वह सुकमा से दो महिला व दंतेवाड़ा के पुरुष बंदी के लिए पेशी की तारीख लेने पहुंची थी, लेकिन उनका आरोप है कि जेल अधीक्षक द्वारा उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं दी जा रही है जिसके चलते वे कड़ाके की ठंड में केंद्रीय जेल परिसर में ही धरने पर बैठ गई हैं। 

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