राज्यसभा में आरक्षण बिल पेश, हंगामे के चलते 2 बजे तक सदन की कार्रवाई स्थगित




नई दिल्ली । आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए मोदी सरकार द्वारा लाया गया संविधान संशोधित बिल आज राज्यसभा में पेश किया गया। बिल पर बहस के दौरान हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा नेता थावरचंद गहलोत ने बिल को सदन में पेश करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक विधेयक है। गहलोत ने कहा कि यह गरीबों के हित में है और केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच-विचार कर ही इस पर फैसला लिया है। वहीं विपक्षी दलों ने सत्र का एक दिन और बढ़ाने का विरोध किया।

राज्यसभा में मोदी सरकार की स्थिति
लोकसभा में तो सरकार के पास बहुमत था लेकिन राज्यसभा में उसके पास अपने दम पर विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी संख्याबल का अभाव है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
राज्यसभा में विपक्षी पार्टियां सवाल उठा सकती हैं और बिल पर कड़ा रुख अपना सकती हैं। राज्यसभा में भाजपा के पास सबसे अधिक 73 सदस्य हैं, जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य हैं। राज्यसभा में अभी सदस्यों की कुल संख्या 244 है। इतना संख्याबल होने के बावजूद भी भाजपा को बिल पास कराने के लिए विपक्ष के सहयोग की जरूरत है। हालांकि कांग्रेस ने बिल पर समर्थन की बात कही है।

एक नजर राज्यसभा के समीकरण पर राज्यसभा में एनडीए सरकार के पास बहुमत से काफी कम आंकड़ा है। NDA के पक्ष में सिर्फ 90 सदस्य हैं।

NDA की स्थिति जिनमें BJP के 73, निर्दलीय + मनोनीत 7, शिवसेना के 3, अकाली दल के 3, पूर्वोत्तर की पार्टियों की तीन (बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट+सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट+नागा पीपल्स फ्रंट) और आरपीआई के 1 सांसद हैं।

विपक्ष की स्थिति विपक्ष के पास 145 सांसद हैं जिसमें कांग्रेस के 50
TMC - 13
समाजवादी पार्टी - 13
AIADMK- 13
BJD- 9
TDP- 6
RJD- 5
CPM- 5
DMK- 4
BSP-4
NCP- 4
आम आदमी पार्टी - 3
CPI - 2
JDS-1
केरल कांग्रेस (मनी)-1
आईएनएलडी- 1
आईयूएमएल - 1
1 निर्दलीय
1 नामित सदस्य शामिल है।

राज्यसभा की कार्रवाई बढ़ाने पर विरोध
भाजपा सहित विपक्षी पार्टियों ने अपने सभी सदस्यों से बुधवार को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए कहा है। वहीं विपक्षी पार्टियों के नेता राज्यसभा की कार्रवाई एक दिन के लिए बढ़ाने के सरकार के ‘‘एकतरफा’’ कदम का भी विरोध कर रहे हैं और वे सदन में विरोध प्रदर्शन करेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा दांव खेला है। चुनावों से पहले इस दांव को मोदी का मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है।


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