यही परिणाम दोहराए गए तो हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में बीजेपी पर भारी पड़ जाएगी कांग्रेस


नई दिल्ली  कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में बीजेपी को हिंदी पट्टी के तीन अहम राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर कर दिया है। लोकसभा से महज 4 महीने पहले सामने आए इन विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद 2019 के चुनाव को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। सबसे अहम सवाल है कि अगर अभी के हिसाब से 2019 में भी वोटिंग हो गई तो इन तीन राज्यों में क्या होगा?
इन राज्यों की विधानसभा सीटों की मैपिंग अगर लोकसभा सीटों से की जाए तो बीजेपी को भारी नुकसान होता दिख रहा है। हालांकि बीजेपी मध्य प्रदेश और राजस्थान में अपनी होल्ड बनाए रख सकती है लेकिन ऐसे ही वोटिंग हुई तो वह लोकसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ से करीब साफ हो सकती है। विधानसभा चुनावों के परिणाम के लिहाज से बीजेपी को मध्य प्रदेश की 29 में से 17, राजस्थान में 25 में से 13 और छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से एक सीट मिलती दिख रही है। 

पहले के चुनावों में भी कुछ ऐसे ही बने हैं संयोग
विधानसभा चुनावों के परिणाम के आधार पर लोकसभा चुनावों का आकलन करने पर एक सवाल खड़ा होता है कि क्या इस तरह की तुलना का कोई सेंस बनता है? पहले के चुनावी अनुभव को आधार बनाएं तो निश्चित तौर पर सेंस बनता दिखता है। इन राज्यों में 2004, 2009 और 2014 में भी आम चुनावों से 6 महीने या उससे कम समय पहले विधानसभा चुनाव हुए थे। आंकड़े बताते हैं कि तब भी लोकसभा चुनावों में कमोबेश विधानसभा चुनावों का ही रिफ्लेक्शन देखने को मिला था। 2004 में केवल राजस्थान अपवाद के तौर पर दिखा था, जहां दिसंबर 2003 में विधानसभा चुनावों में जनता ने बीजेपी को नकार दिया था लेकिन लोकसभा चुनावों में 25 में से 20 सीटों पर जिताया था। 

बीजेपी के लिए इसलिए है बड़ा झटका
अगर विधानसभा चुनावों के लोकसभा चुनावों पर असर का पैटर्न जारी रहा तो यह बीजेपी के लिए 2019 के चुनावों में भारी नुकसान का सबब बनेगा। बीजेपी ने 2014 के चुनाव में राजस्थान की 25 में से 25 सीटें, एमपी की 29 में से 27 सीटें और छत्तीसगढ़ की 11 में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। यानी इन तीनों राज्यों से आने वाली 65 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 62 पर जीत मिली थी। 

विधानसभा चुनावों का असर लोकसभा पर पड़ा तो बीजेपी की यह टैली घटकर 31 सीटों पर पहुंच सकती है। यानी बीजेपी को साफ तौर पर आधी लोकसभा सीटों का नुकसान होता दिख रहा है। 2014 के आम चुनावों में हिंदी पट्टी के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 80 में से 72 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब यूपी में एसपी, बीएसपी, कांग्रेस और आरएलडी के बीच महागठबंधन की कवायद चल रही है। बीजेपी के लिए यहां भी 2014 का प्रदर्शन दोहरा पाना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में बीजेपी को हिंदी हर्टलैंड में मिलने वाली यह चोट भारी भी पड़ सकती है।

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