राज्यसभा में अटका तीन तलाक बिल, 2 जनवरी तक सदन की कार्रवाई स्थगित

नई दिल्ली। तीन तलाक विधेयक आज राज्यसभा में हंगामे की भेंट चढ़ गया। विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्रवाई 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। तीन तलाक बिल पर अब साल 2019 में चर्चा होगी। बता दें कि नए साल के मौके पर राज्यसभा में 1 जनवरी को अवकाश रहेगा, इसकी घोषणा आज सुबह उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही की गई। उपसभापति हरिवंश ने सदन में सदस्यों की सहमति से एक जनवरी को अवकाश की घोषणा की। अब राज्यसभा की कार्रवाई बुधवार को होगी। वहीं इससे पहले जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो हंगामे के चलते इसे 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। भोजनावकाश के बाद कार्रवाई फिर से शुरू होने पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक बिल पर कहा कि विपक्ष इस पर चर्चा चाहता है और सरकार के चाहने पर यह सबकुछ नहीं होगा। आजाद ने कहा कि बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इससे करोड़ों लोगों पर असर पड़ेगा। वहीं भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा कि कांग्रेस ने पहले इस बिल का समर्थन किया था और अब अपनी कथनी से पलट रही है।

राज्यसभा में केंद्र की स्थिति

राज्यसभा में इस समय कुल सदस्यों की संख्या 244 है, जिसमें 4 सदस्य नामित हैं। हालांकि भाजपा का सदन में संख्या बल ज्यादा है लेकिन वो बिना विपक्ष के सहयोग से संसद में बिल नहीं पास करवा सकती।


एनडीए की स्थिति

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास 97 सदस्य हैं जिसमें भाजपा के 73 और जेडीयू के 6 हैं, इसके साथ ही 5 निर्दलीय, शिवसेना के 3, अकाली दल के तीन, 3 नामित सदस्य, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट के 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1, नागा पीपल्स फ्रंट के 1, आरपीआई के 1 सांसद शामिल हैं।




विपक्ष का संख्याबल
विपक्ष का संख्याबल सरकार पर भारी है। विपक्ष के पास 115 सांसद हैं, जिसमें कांग्रेस के 50, TMC के 13, समाजवादी पार्टी के 13, TDP के 6, RJD के 5, CPM के 5, DMK के 4, BSP के 4, NCP के 4, आम आदमी पार्टी के 3, CPI के 2, JDS के 1, केरल कांग्रेस (मनी) के 1, आईएनएलडी के 1, आईयूएमएल के 1, 1 निर्दलीय और 1 नामित सदस्य शामिल हैं। ऐसे में मोदी सरकार के लिए विपक्ष का साथ मिलना जरूरी है।

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