बचने चाहते है पेट के अल्सर से तो अपनाएं ये लाइफस्टाइल




लोगों के मन में ये गलतफहमी होती है कि किसी खास तरह के खाने से पेट का अल्सर होता है दरअसल एेसा नहीं है ये एक तरह की बीमारी है जिससे बचाव करने के लिए कई सावधानियां हैं जरूरी है। पेट में फोड़ा हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टेरिया के संक्रमण से होता है इसके अलावा केमिस्ट से पूछकर बिन डॉक्टर की सलाह लिए बिना या अपने मन से लगतार लंबे समय तक दर्द निवारक गोलियां खाने से भी पेट में छाले या फोड़े हो जाते हैं।

पेट में अल्सर होने की स्थिति में मरीज को एंटीबायोटिक्स लंबे समय तक चलती हैं साथ ही एसिड ब्लॉकर्स भी दिए जाते हैं। इसके अलावा नियमित भोजन के रूप में मरीज को सादा भोजन करना जरूरी है। इस तरह के खाद्य पदार्थों से अल्सर पैदा करने वाले बैक्टेरिया से लडऩे में मदद मिलती है।

बंद गोभी, फूल गोभी, मूली, सेबफल, ब्लूबेरीज, रास्पबेरीज, ब्लेकबेरीज, स्ट्राबेरीज, चौरीज, शिमला मिर्ची, गाजर, ब्रोकोली, हरी पत्तेदार सब्जियां, दही एवं छांछ, शहद, लहसुन, ग्रीन टी, हल्दी का दूध। हेैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टेरिया के इंफेक्शन के कारण हुए पेट के फोड़े को ठीक करने के लिए ये सभी खाद्य पदार्थ इसलिए मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि ये एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हैं। ये खाद्य पदार्थ शरीर के इम्यून सिस्टम की सुरक्षा करेंगे और सिस्टम को संक्रमण से लडऩे के लिए एक्टिवेट भी करेंगे। इनकी मदद से पेट के कैंसर से भी सुरक्षा मिल जाती है।

इलाज न करने पर समस्या हो सकती है गंभीर
जिन लोगों को पेट में अल्सर होता है उन्हें पेट से एसिड बाहर उछलकर आने की शिकायत भी होती है। उन्हें इन्हें खाने या पीने से परहेज करना चाहिए। कॉफी, चॉकलेट, मिर्च मसालेदार खाना, शराबखोरी, टमाटर या नींबू जैसे खट्टी सब्जियां, खूब ठूंस-ठूंसकर खाना, रात को सोने के समय और भोजन के बीच कम अंतराल रखना, हैलियोबैक्टर पायलोरी नामक बैक्टेरिया से होने वाले अधिकांश अल्सर इलाज से ठीक हो जाते हैं लेकिन यदि इलाज में कोताही बरती या पूरा इलाज नहीं लिया तो पेट के अल्सर की समस्या गंभीर भी हो सकती है। पेट में खून का अंदरूनी रिसाव शुरू हो सकता है साथ ही पेट का कैंसर भी हो सकता है।

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