सिग्नेचर ब्रिज के उद्धाटन से पहले हंगामा, बिना बुलाए पहुंचे मनोज तिवारी का विरोध




नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी पर बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल आज उद्धाटन करने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही वहां हांगामा मच गया। भाजपा नेता मनोज तिवारी बिना बुलाए ही सिग्नेचर ब्रिज पर पहुंच गए, जिसके चलते आम आदमी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं ने काफी हंगामा किया। बता दें कि सिग्नेचर ब्रिज सोमवार को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से उत्तरी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा साथ ही दिल्लीवासी इस ब्रिज के ऊपर से शहर के विस्तृत मनोरम दृश्य का आनंद भी ले सकेंगे। इसके लिए चार लिफ्ट लगाई गई हैं जिनकी कुल क्षमता 50 लोगों को ले जाने की है। हालांकि लिफ्ट का परिचालन दो महीनों में शुरू होगा।



सिग्नेचर ब्रिज की खासियत
  • यह ब्रिज 154 मीटर ऊंचे ग्लास बॉक्स के साथ पर्यटक स्थल के रूप में कार्य करेगा जो पर्यटकों को शहर का ‘बड्र्स-आई व्यू’ प्रदान करेगा। 
  • इस ब्रिज से न सिर्फ गाड़ियों की आवाजाही आसानी से होगी, बल्कि यहां ग्लास बॉक्स होगा जिसमें पहुंचकर लोग सेल्फी भी ले सकेंगे।
  • 575 मीटर लंबे इस ब्रिज की सफाई भी यूरोप से आईं हाईटेक मशीनें करेंगी। 
  • हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम के तहत ब्रिज में 104 सेंसर लगाए गए हैं। इनमें से 10 ब्रिज की केबल में और 5 सेंसर फाउंडेशन में लगाए गए हैं, जबकि ब्रिज के अन्य हिस्सों में भी सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर ब्रिज के हर हिस्से की 24 घंटे निगरानी करेंगे।

सिग्नेचर ब्रिज का प्रस्ताव 2004 में प्रस्तुत किया गया था जिसे 2007 में दिल्ली मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिली थी। शुरुआत में अक्तूबर, 2010 में दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के पहले 1131 करोड़ रुपए की संशोधित लागत में पूर्ण होना था। इस परियोजना की लागत 2015 में बढ़कर 1,594 करोड़ रुपए हो गई। खबरों के मुताबिक जब पहली दफा इस ब्रिज को 1997 में प्रस्तावित किया गया था तब इसकी लागत 464 करोड़ रुपए आंकी गई थी। यह ब्रिज वर्तमान में वजीराबाद पुल के वाहनों के बोझ को साझा करेगा।

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