छठ महापर्व : जल्दी उगने की कामना से डूबते सूर्यदेव को नमन


रायपुर (नवप्रदेश)। पूरी दुनिया में सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जहां अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया जाता है। आज की भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया जाएगा। तो वहीं बुधवार को सुबह उगते सूरज को अघ्र्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन होगा। इसके लिए छठ के घाटों पर लोगों के पहुंचने का क्रम शुरू हो चुका है।




महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान रविवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ। सोमवार को खरना पूजा थी। सोमवार शाम रोटी और गुड की बनी खीर का प्रसाद ग्रहण किया गया। मंगलवार शाम को अस्ताचल सूर्य को अघ्र्य दिया जा रहा है और बुधवार सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही यह महापर्व संपन्न होगा।
सूर्य सत्ता के कारक ग्रह हैं। जो लोग सरकारी क्षेत्र में काम करते हैं और पदोन्नति मिलने में दिक्कत आ रही है उन्हें सूर्य को जल और अघ्र्य देना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को विजय और प्रतिष्ठा का कारक भी माना गया है। जो व्यक्ति कोर्ट के मामले में फंसे हैं उन्हें विजय पाने के लिए सूर्योपासना करना चाहिए। सरकारी क्षेत्र में आपका काम अटका हुआ है तो सूर्य की प्रसन्नता के लिए सूर्य की पूजा करनी चाहिए। सूर्य छठ व्रत करना इस कार्य के लिए उत्तम माना गया है। सूर्य नेत्र के कारक माने गए हैं। नेत्र की ज्योति के लिए अस्तगामी सूर्य को जल और अघ्र्य देना अच्छा माना गया है। इससे चर्म रोग की परेशानी भी दूर होती है। सूर्य का संबंध गायत्री माता से भी है। गायत्री देवी बुद्धि और ज्ञान प्रदान करती हैं। सूर्य को अघ्र्य देने से बौद्धिक क्षमता विकसित होती है। आयुर्वेद के अनुसार कमर तक जल में प्रवेश करके सूर्य को देखते हुए जल और अघ्र्य देने से अपच और दूसरे कई प्रकार के रोगों से रक्षा होती है। शहर में छठ महापर्व को लेकर बाजारों में खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। जहां छठ को ले लोग तरह-तरह के फलों की खरीदारी करने में जुटे रहे। फलों की खरीदारी के लिए सुबह से देर शाम तक लोगों की भीड़ लग रही है। महापर्व छठ को ले सरोवरों तथा महादेव घाट पर व्रतियों की भीड़ लगी रही। पूरा माहौल इस समय छठमय हो गया है। घाटों को सजा दिया गया है।




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