पीएसएलवी ने हाइपर स्पेक्ट्रल इमेंजिंग एवं 30 उपग्रहों को दो कक्षाओं में स्थापित किया



श्रीहरिकोटा । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी 43 प्रक्षेपण यान के 113 मिनट के तीसरे लंबे अभियान के बाद आखिरकार गुरुवार को 380 किलोग्राम वजनी एंडवास्ड अर्थ आब्जर्वेशन हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिगं उपग्रह और 30 अन्य उपग्रहों को दो विभिन्न कक्षाओं में स्थापित कर दिया। ये 30 उपग्रह आठ देशों के हैं जिनमें 23 अमेरिका के हैं।पीएसएलवी ने इन उपग्रहों को लेकर सुबह नौ बजकर 58 मिनट पर उड़ान भरी थी।
प्रक्षेपण यान ने उड़ान भरने के 17 मिनट बाद स्पेक्ट्रल इमेजिंग उपग्रह को धुव्रीय सौरस्थैतिक कक्षा (पीएसओ) में 636 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित कर दिया जिसका झुकाव भू-मध्यरेखा से 97.957 डिग्री है। उड़ान भरने के बाद पीएसएलवी के चौथे चरण का इंजन बंद हो गया और थोड़ी देर फिर शुरू के बाद सभी 30 अन्य उपग्रहों को निचली कक्षा में 504 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित कर दिया गया। यह इसरो का तीसरा सबसे अभियान था।

दूसरी बार शुरू होने के 74 सेकंड बाद उपग्रहों के अलग होने की प्रकिया शुरू हो गयी और इसके बाद पांच से 10 सेकंड के अंतराल पर एक एक कर इन सभी आठ उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया और इस प्रकिया में कुल 113 मिनट लगे।
इसरो के मुताबिक हाइपर स्पेक्ट्रल में उन्नत कैमरे (इमेजर) लगे हैं और यह सामान्य प्रकाश तथा इंफ्रारेड तथा शार्ट वेव इंफ्रारेड बैंड़स में तस्वीरें लेने में सक्षम है। इसमें लगे मल्टी स्पेक्ट्रल सेंसरों की मदद से वैश्विक कवरेज हो सकेगी और इससे प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा।
इससे कृषि, वानिकी, भौगोलिक पर्यावरण, तटीय क्षेत्रों और अंतरदेशीय जल क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई जा सकेगी। पीएसएलवी की इस वर्ष यह छठी उड़ान है।
इन 30 सेटेलाइट्स में 23 सेटेलाइट अमेरिका के हैं और बाकी कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड आस्ट्रेलिया, कनाडा और स्पेन के हैं। इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से प्रक्षेपण के लिए इनके लिए वाणिज्यिक करार किया है। हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सेटेलाइट अपनी कक्षा में पांच साल तक रहेगा।

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