-4 हजार का टिकट 30 हजार तक कैसे पहुंचा;
-नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार को दिल्ली में इंडिगो मैनेजमेंट के साथ बैठक
नई दिल्ली। इंडिगो संकट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने पूछा कि जब एयरलाइन फेल हो गई थी, तब सरकार ने क्या किया। कैसे फ्लाइट्स की टिकट की कीमतें 4-5 हजार रुपए से बढ़कर 30,000 रुपए तक कैसे पहुंच गईं। अन्य एयरलाइंस ने इसका फायदा कैसे उठाया। आपने क्या कार्रवाई की? आपने ही स्थिति को इस हाल तक पहुंचने दिया। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेदेला की डिविजन बेंच जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। इसमें मांग की गई थी कि इंडिगो संकट की स्वतंत्र न्यायिक जांच की जाए और जिन लोगों की फ्लाइट रद्द हुई या जो एयरपोर्ट पर फंसे उन्हें मुआवजा दिया जाए।
इस दौरान कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ व्यक्तिगत यात्रियों का मामला नहीं है, बल्कि इससे आर्थिक नुकसान भी हुआ है। सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न पैदा हो। इधर, ष्ठत्रष्ट्र (नागरिक उड्डयन नियामक) ने इंडिगो के ष्टश्वह्र पीटर एल्बर्स को गुरुवार दोपहर 3 बजे समन भेजकर बुलाया है।
हाईकोर्ट: सरकार से क्या उम्मीद रखते हैं। क्या आपने आज अखबार पढ़ा।
याचिकाकतार्: फ्लाइट रद्द होने की संख्या कम हुई है।
हाईकोटर्: अब आप क्या चाहते हैं। कार्रवाई कर रही है।
एएसजी चेतन शर्मा (सरकार की ओर से): सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। किराए पर कैप लगाया गया है।।
हाईकोटर्: यात्रियों के साथ एयरलाइन कर्मचारियों का व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए। पायलट के काम के घंटे की गाइडलाइन समय पर क्यों लागू नहीं की गई।
एएसजी: फेयर कैपिंग बहुत सख्त तरीके से की गई।
कोटर्: यह कार्रवाई 4-5 दिन बाद हुई। टिकट जो 4-5 हजार रुपये में उपलब्ध था, उसके दाम 30,000 रुपये तक क्यों बढ़ गए?
कोटर्: यह सिर्फ फंसे हुए यात्रियों का मामला नहीं है, आर्थिक नुकसान भी हुआ है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
सरकारी बोली- डीजीसीए की भी जांच होगी
इंडिगो संकट को लेकर अब डीजीसीए (नागरिक उड्डयन नियामक) भी केंद्र सरकार की जांच के रडार पर है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक इंटरव्यू में कहा कि इंडिगो की गड़बड़ी पर सिर्फ एयरलाइन ही नहीं, बल्कि डीजीसीए के कामकाज की भी जांच होगी। मंत्री ने यात्रियों को हुई परेशानी के लिए माफी मांगी और कहा कि जिम्मेदार लोगों पर कड़ी और उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि इंडिगो का यह बड़ा फेलियर सामान्य गलती नहीं लगता, बल्कि इसमें जानबूझकर हुई लापरवाही के संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार यह जांच कर रही है कि आखिर ऐसा संकट उसी समय क्यों आया और ऑपरेशंस होने के बावजूद हालात कैसे बिगड़े।
