रायपुर। शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को वंदे मातरम् पर चर्चा हुई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, वंदे मातरम केवल गीत नहीं, स्वतंत्रता आंदोलन की ऊर्जा है। वंदे मातरम के जब 50 वर्ष पूरे हुए तब भारत अंग्रेजों के गुलामी में था। वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए तो देश पर आपातकाल थोपा गया। अब 150 वर्ष वंदे मातरम को पूर्ण हो रहे हैं तो केंद्र में मोदी जी सरकार है, वंदे मातरम पर चर्चा इसलिए जरूरी है, क्योंकि आज हम नए युग की तरफ बढ़ रहे हैं। डॉ. रमन सिंह ने कहा आज का दिन हमारे विधानसभा के लिए अवसर है कि हम सब एकत्रित होकर प्रदेश के निर्माण में अपना योगदान सुरक्षित करें। डॉ. रमन सिंह ने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि आज की चर्चा काफी महत्वपूर्ण है, इस पर अपने विचार खुल कर रखें।
गलत जानकारी देकर इतिहास को ना बिगाड़े : महंत
वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा, मुझे समझ नहीं आ रहा कि इसमें बीच में नेहरू जी को क्यों लाया जा रहा है। कहा जाता है कि नेहरू जी ने इस गीत को तोड़ा और वह विभाजन का कारण बना। नेहरू जी ने इस जीत के साथ पूरी ईमानदारी से इस देश को एक नया बल शक्ति मिले इसलिए इस जीत के दो पंक्तियों को स्वीकार किया। चर्चा में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम इतिहास को ना बिगाड़ें। आने वाली पीढ़ी को अगर हम गलत रास्ता बता देंगे तो यह उचित नहीं होगा।
