नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में हर दिन तूफानी होता जा रहा है। सत्ताधारी और विपक्षी दल लगातार अलग-अलग मुद्दों पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते दिख रहे हैं। इस बीच, गुरुवार को पार्लियामेंट परिसर में एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी चंडीगढ़-शिमला हाईवे के बारे में सवाल पूछ रही थीं, वहीं उन्होंने यूनियन रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवे मिनिस्टर नितिन गडकरी से सीधी मीटिंग भी मांगी।
गडकरी का तुरंत और अचानक मिला जवाब
अपना सवाल खत्म करते हुए, प्रियंका गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, सर, मैं जून से आपसे मिलने का समय मांग रही हूं। कृपया मुझे अपने चुनाव क्षेत्र में कुछ काम के लिए समय दें। नितिन गडकरी ने प्रियंका की रिक्वेस्ट का तुरंत जवाब दिया और कहा, किसी अपॉइंटमेंट की ज़रूरत नहीं है। हमारे दरवाज़े हमेशा खुले हैं। आप क्वेश्चन आवर खत्म होने के बाद सीधे मेरे पार्लियामेंट ऑफिस आएं, मैं आपकी बात पूरी तरह सुनूंगा। गडकरी के जवाब से सदन में कुछ देर के लिए हल्का-फुल्का माहौल बन गया।
प्रश्नकाल के बाद सीधी मीटिंग
प्रश्नकाल खत्म होते ही, प्रियंका गांधी और नितिन गडकरी भी आमने-सामने मिले। इस मीटिंग के दौरान दोनों ने चुनाव क्षेत्र से जुड़े कामों पर चर्चा की। दिलचस्प बात यह है कि इस मीटिंग के दौरान गडकरी ने प्रियंका गांधी को चावल से बनी डिश भी खिलाई, जिसकी पार्लियामेंट कैंपस में खूब चर्चा हुई।
पॉलिटिकल माहौल में तालमेल का पल
पॉलिटिकल मतभेदों के बैकग्राउंड में भी, लोकसभा में हुई इस घटना को बातचीत और तालमेल की मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि रूलिंग और अपोजि़शन पार्टियों के बीच बातचीत मुमकिन है।
