कोलकाता। कोलकाता टेस्ट भारतीय टीम के लिए बेहद अजीबोगरीब साबित हुआ। छह साल बाद कोलकाता के मैदान पर टेस्ट मैच खेल रही भारत को सीरीज के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका से 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा। विश्व चैंपियन दक्षिण अफ्रीका ने मैच के तीसरे दिन भारत के सामने सिफऱ् 124 रनों का लक्ष्य रखा था, लेकिन भारतीय बल्लेबाज़ी उस चुनौती को पूरा नहीं कर सकी। टीम इंडिया का खेल सिफऱ् 93 रनों पर समाप्त हो गया। इस प्रदर्शन के बाद टीम की बल्लेबाजी की जमकर आलोचना हुई। लेकिन इसी बीच टीम से बाहर किए गए अनुभवी बल्लेबाज़ करुण नायर ने एक अलग ही कारनामा कर दिखाया। एक तरफ़ भारतीय पिच पर टीम इंडिया भारी पड़ी, वहीं दूसरी तरफ़ करुण नायर ने अकेले ही पूरी भारतीय टीम से ज़्यादा रन बनाकर चयनकर्ताओं को कोई जवाब नहीं दिया।
भारतीय बल्लेबाज़ों की हारा-किरी
रविवार को ईडन गार्डन्स में खेले गए टेस्ट मैच के तीसरे दिन दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी शुरू हुई। कप्तान टेम्बा बावुमा ने जुझारू अर्धशतक लगाया, लेकिन टीम 153 रन ही बना सकी। बावुमा पूरे मैच में अर्धशतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ रहे। पहली पारी में भारतीय टीम द्वारा ली गई बढ़त के चलते आखिरकार टीम इंडिया के सामने 124 रनों का लक्ष्य रखा गया। कप्तान शुभमन गिल चोट के कारण टीम से बाहर थे। उन्होंने बल्लेबाज़ी नहीं की। उनके अलावा भारत के लिए बाकी 9 खिलाडिय़ों ने सिफऱ् 93 रन बनाए और भारत को 30 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
करुण नायर की दमदार पारी
जहाँ एक ओर टीम इंडिया के बल्लेबाजों की आलोचना हो रही थी, वहीं दूसरी ओर रविवार को ही विभिन्न रणजी ट्रॉफी मैच खेले जा रहे थे। अफ्रीका सीरीज़ और उसके बाद वेस्टइंडीज़ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम में नहीं चुने गए करुण नायर रणजी मैच खेल रहे थे। जहाँ भारतीय बल्लेबाज़ अफ्रीकी गेंदबाज़ी के आगे एक के बाद एक विकेट गंवा रहे थे, वहीं चंडीगढ़ में रणजी मैच में करुण नायर अपनी बल्लेबाज़ी का जौहर दिखा रहे थे। पूरी भारतीय टीम सिफऱ् 93 रन ही बना सकी। वहीं करुण नायर ने अकेले 95 रन बनाए।
इंग्लैंड दौरे के बाद करुण नायर टीम से बाहर
सभी जानते हैं कि करुण नायर भारतीय पिचों पर दमदार खेलते हैं। ऐसे में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ़ वहाँ की पिचों पर खिलाया गया। वहाँ सीरीज़ हारने के बाद, बाद में वेस्टइंडीज़ और अफ्रीका दोनों के खिलाफ़ भारतीय पिचों पर टेस्ट सीरीज़ हुईं। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ़ सीरीज़ में उनके प्रदर्शन का हवाला देते हुए उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया। ऐसे में भारतीय टीम अफ्रीका के सामने नतमस्तक हो गई। उसी दिन करुण नायर की 95 रन की पारी बेहद खास साबित हुई।
