कानून-व्यवस्था, नशे के अवैध कारोबार और सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश
रायपुर । छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक व्यवस्था को बेहतर बनाने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 12 अक्टूबर से 3 दिवसीय अफसरों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं। सोमवार को सीएम ने सभी जिलों पुलिस अधीक्षकों के कामों की समीक्षा की। एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था, नशे के अवैध कारोबार और सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं और मादक पदार्थों के कारोबार पर सख्ती से लगाम लगाई जाए। क्योंकि नशा क्राइम को बढ़ावा देता है। एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में समय सीमा के अंदर कार्रवाई की जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। मुख्यमंत्री ने अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के भी निर्देश दिए, ताकि अन्य राज्यों से आने वाली अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। वहीं रविवार 12 अक्टूबर को सीएम ने लगभग 9 घंटे तक कलेक्टरों के काम की समीक्षा की थी। काम लापरवाही करने वाले अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी।
सड़क सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश
मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों से कहा कि नशाखोरी के खिलाफ एक व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए, जिसमें युवाओं को जागरूक किया जाए और समाज में नशे के दुष्परिणामों को लेकर संदेश दिया जाए। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए सीएम ने अधिकारियों को सड़क सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
सीएम ने सड़क सुरक्षा को लेकर दिए निर्देश
सीएम साय ने कहा कि हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं पहनने, नशे में वाहन चलाने जैसे मामलों में कानून का सख्ती से पालन हो और ऐसे लोगों में कानून का भय होना चाहिए। उन्होंने ने सभी जिलों में ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित स्थानों) को चिह्नांकित करने और वहां सुधार कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। ताकि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था, जन सुरक्षा और सामाजिक समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन और पुलिस का संयुक्त प्रयास आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जमीनी स्तर पर कार्रवाई कर जनहित में ठोस परिणाम लाएं।
अवैध रेत उत्खनन पर कांग्रेस ने कही ये बातें
इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से बातचीत के दौरान अवैध रेत उत्खनन पर कहा कि सरकार ने कलेक्टरों से लिखा लिखाया डायलॉग पढ़वाया। अवैध रेत उत्खनन बंद क्यों नहीं हो रहा है। रेत उत्खनन होना खुद मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है।
कलेक्टरों को डराया जा रहा
उन्होंने कहा कि धान खरीदी की नीति, मिलरों से एग्रीमेंट सरकार करती है, कलेक्टरों को जिम्मेदार ठहराना बताया गया। कलेक्टरों को डराकर दबाव बनाया जा रहा है। सरकार ने धान खरीदी को लेकर नया बहाना ढूंढ लिया है। सीएम ने कहा कि सरकार में साहस नहीं कि वह सुशासन पर चर्चा करे। कानून व्यवस्था, अपराध, भ्रष्टाचार, प्रशासनिक अराजकता चरम पर है। सुशासन की पोल ना खुले इसलिए तीसरे दिन की कॉन्फ्रेंस स्थगित की गई।
डीएफओ कॉन्फ्रेंस भी
डीएफओ कॉन्फ्रेंस दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित की गई। इसमें वनमंडलाधिकारी और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस सत्र में वन विभाग की योजनाओं, वन्यजीव संरक्षण, संसाधनों का प्रबंधन और क्षेत्रीय वन नीतियों की समीक्षा की गई।
