लेह। लद्दाख के उपराज्यपाल कवींदर गुप्ता ने लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस से अपील की है कि वे केंद्र सरकार के साथ होने वाली वार्ता से पीछे न हटें और बातचीत के जरिए समाधान का रास्ता अपनाएं। क्योंकि कोई भी मुद्दा बातचीत से ही हल हो सकता है। उपराज्यपाल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि वे लद्दाख की स्थिति को लेकर वातावरण बिगाडऩे की कोशिश कर रहे हैं, जैसा उन्होंने किसानों के आंदोलन और अन्य विरोध प्रदर्शनों के दौरान किया था।
24 सितंबर की हिंसा पर जांच की मांग
लेह एपेक्स बॉडी और केडीए की मांग है कि 24 सितंबर को हुई हिंसा की न्यायिक जांच हो और गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा किया जाए, जिनमें पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भी शामिल हैं। वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस पर उपराज्यपाल ने कहा कि एक मजिस्ट्रेट जांच की घोषणा पहले ही की जा चुकी है और यह जल्द शुरू होगी।
लेह में कर्फ्यू में ढील, लेकिन इंटरनेट अब भी बंद
एक हफ्ते के कर्फ्यू के बाद लेह में मंगलवार से हालात कुछ सामान्य हुए हैं। प्रशासन ने पहले 7 घंटे के लिए और बुधवार को उसे बढ़ाकर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक दुकानें और व्यापारिक गतिविधियां चलाने की अनुमति दी है। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवा अब भी बंद है और पांच या उससे अधिक लोगों के इक_ा होने पर रोक बनी हुई है।
6 अक्तूबर की वार्ता टली
6 अक्तूबर को केंद्र सरकार और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच होने वाली बातचीत अब टल गई है क्योंकि लेह एपेक्स बॉडी और केडीए ने वार्ता में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। उनका कहना है कि जब तक हालात अनुकूल नहीं होते, तब तक वे बातचीत में शामिल नहीं होंगे।
हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण, प्रशासन नहीं चाहता था ऐसा हो
कवींदर गुप्ता ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और त्रासद बताया और कहा कि प्रशासन नहीं चाहता था कि ऐसा हो। उन्होंने कहा कि जांच में यह सामने आएगा कि हिंसा किस कारण हुई। प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत कुछ प्रतिबंध लगाए थे ताकि हालात काबू में रह सकें। स्कूल और कॉलेज भी एहतियात के तौर पर बंद किए गए थे।