-अजऱबैजान के इस दावे पर भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है
नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन के मंच पर एक राजनीतिक संघर्ष देखने को मिल रहा है। अजऱबैजान ने आरोप लगाया है कि भारत ने उसकी सदस्यता के पूरे आवेदन को रोक दिया है। दरअसल अजऱबैजान को पाकिस्तान का सबसे करीबी दोस्त माना जाता है। इतना ही नहीं वह कई बार भारत विरोधी मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ खड़ा भी रहा है। हालाँकि, अजऱबैजान के दावे पर भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अजऱबैजान ने चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में एक संवाद भागीदार के रूप में भाग लिया। अजऱबैजानी मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस आवेदन का समर्थन किया है। हालाँकि, भारत ने इसका विरोध किया है। साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का रुख शंघाई सहयोग संगठन के विरुद्ध है और भारत के इस फैसले का अजऱबैजान के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंधों से भी संबंध होने का आरोप है।
पाकिस्तान ने लिया बड़ा फैसला -
इस बीच पाकिस्तान ने भी एक बड़ा कूटनीतिक फैसला लिया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने हाल ही में अर्मेनियाई विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान के साथ बातचीत की। दोनों देश राजनयिक संबंध स्थापित करने पर भी सहमत हुए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही अमेरिका की मध्यस्थता से अजऱबैजान और आर्मेनिया के बीच एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।
आर्मेनिया के साथ संबंध सुधारने की पाकिस्तान की कोशिश -
गौरतलब है कि पाकिस्तान लंबे समय से आर्मेनिया का विरोध करता रहा है और अजऱबैजान के समर्थन में खड़ा है। हालाँकि अब पाकिस्तान आर्मेनिया के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहा है। इस बीच अजऱबैजानी मीडिया ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने हमारे देश के साथ चर्चा के बाद ही यह पहल की है।