-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पूरे मामले पर अपनी राय रखी
नई दिल्ली। हाल ही में सरकार ने जीएसटी में बदलाव करके आम आदमी को राहत देने की कोशिश की है। इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पूरे मुद्दे पर अपनी राय रखी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की दरें इसलिए नहीं घटाई गईं क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगा दिया था। इस पर डेढ़ साल से काम चल रहा था। जीएसटी कम करने से पहले हर मद पर चर्चा की गई थी और यह काम एक दिन में नहीं हो सकता, उन्होंने यह भी बताया।
वित्त मंत्री से पूछा गया कि अब जब मुद्रास्फीति जुलाई में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है, तो जीएसटी कम करने की क्या ज़रूरत है। वित्त मंत्री ने जवाब में कहा, "सरकार हमेशा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाती है। कई बार आपूर्ति की कमी के कारण मुद्रास्फीति नियंत्रित नहीं हो पाती। यह अस्थिर अर्थव्यवस्था का संकेत है। इसलिए, मुद्रास्फीति पर आधारित समय में जीएसटी सुधार नहीं लाया जा सकता था।" वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 'आज तकÓ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में इस पर टिप्पणी की। कुछ लोग यह भी कहेंगे कि ट्रम्प के टैरिफ़ के कारण जीएसटी सुधार लाए गए हैं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बिल्कुल भी सच नहीं है।
डेढ़ साल से चल रही प्रक्रिया
जीएसटी दरें कम करने की प्रक्रिया समझाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी दरें कम करने के लिए डेढ़ साल से काम चल रहा था। 18 महीने पहले एक मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन किया गया था। उस समय कर्नाटक के एक पूर्व मंत्री जीओएम के अध्यक्ष थे। लेकिन कर्नाटक में सरकार बदल गई। फिर बिहार के उपमुख्यमंत्री को लाया गया। यह एक सतत प्रक्रिया थी। हमने 300 से ज़्यादा वस्तुओं पर दरें कम की हैं। यह फ़ैसला एक दिन में नहीं लिया जा सकता, सीतारमण ने कहा।
पिछले एक साल में, हम इस मुद्दे पर बार-बार चर्चा करते रहे हैं कि इस पर करों को और कैसे कम किया जा सकता है। हमने लोगों पर बोझ कम करने के लिए कई प्रयास किए हैं। हर बात पर चर्चा हुई। इसमें समय लगता है। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि इसलिए इसे ट्रम्प के टैरिफ और मुद्रास्फीति दर से नहीं जोड़ा जा सकता।
जीएसटी की केवल दो दरें
3 सितंबर, 2025 को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में घोषित जीएसटी सुधारों ने आम आदमी के लिए राहत की उम्मीद जगाई है। इन जीएसटी सुधारों को 'न्यूनतम कर, अधिकतम बचतÓ और 'बेहतरीन बचत करÓ बताया जा रहा है। 22 सितंबर से देश में अब जीएसटी की केवल दो दरें (5त्न, 18त्न) रहेंगी।