हिंदी को लेकर फडणवीस सरकार ने पहले ही मारा सिक्सर: आठवले


रायपुर। महाराष्ट्र में 'हिंदी' विवाद पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हिंदी भाषा लागू होनी चाहिए, लेकिन इसकी पहली क्लास से जरूरत नहीं है। इस दौरान रामदास आठवले ने विपक्ष के आंदोलन से पहले सरकार की ओर से लिए गए फैसले पर भी जवाब दिया।  केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने 'हिंदी' विवाद पर कहा, राज्य में हिंदी को लेकर कुछ लोगों ने कहा कि 5वीं क्लास के बाद हिंदी को लागू किया जा सकता है, लेकिन उसके पहले राज्य में इसे तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य न किया जाए। हिंदी को लेकर महाराष्ट्र के लोगों ने विरोध का रास्ता लिया। सरकार ने आंदोलन से पहले ही 'सिक्सर' मारा है। हिंदी भाषा को लेकर जो विरोध होने वाला था, उसे खत्म करने का काम किया।

जनता की भावनाओं को देखते हुए निर्णय लिया

आठवले ने कहा, हिंदी भाषा को अनिवार्य किया जाना चाहिए, लेकिन प्राइमरी स्तर पर नहीं, क्योंकि वहां 6 साल के छोटे बच्चे होते हैं। सरकार ने महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, एनडीए सरकार ने जातीय जनगणना का फैसला लिया है, जो ऐतिहासिक है। लोगों की तरफ से इस विषय पर मांग उठ रही थी। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और समाज के समावेशी विकास के लिए जरूरी है।


कांग्रेस के समय में ऐसा फैसला नहीं हुआ

उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी का मन ठीक नहीं है, इसलिए वो लगातार तंज कसती है। कांग्रेस के समय में ऐसा फैसला नहीं हुआ है। राहुल गांधी लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार में पहले क्यों नहीं कराया? अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से वंचित वर्गों को योजनाओं का बेहतर लाभ मिल सकेगा।

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