-विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्धविराम की मध्यस्थता के दावे का किया खंडन
नई दिल्ली। कल संसद के मानसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लंबी चर्चा हुई। इस दौरान लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन किया कि डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की मध्यस्थता की थी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं था।
मोदी-ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत के लिए एकमात्र संदेश यह था कि हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। 7 मई को जिन जगहों पर हमला हुआ, वे आतंकवादी मुख्यालय और बुनियादी ढाँचे थे। हमने पाकिस्तान पर नहीं, बल्कि आतंकवादी शिविरों पर हमला किया था। बाद में, पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम की घोषणा की गई। इसमें किसी ने मध्यस्थता नहीं की। 22 अप्रैल से 17 जून के बीच ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।
जयशंकर ने आगे कहा हम परमाणु बमों के खतरे के आगे कभी नहीं झुकेंगे। हमारा इरादा केवल पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करना था। हालाँकि, चूँकि पाकिस्तानी सेना ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया, इसलिए हमें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। अगर पाकिस्तान भविष्य में ऐसे हमले करने की कोशिश करता है, तो हम भी पाकिस्तानी सेना पर इसी तरह के हमले करते रहेंगे।" उन्होंने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया।