नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में कल (28) पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर लंबी चर्चा हुई। इस दौरान लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाषण के दौरान विपक्षी दल ने बार-बार हंगामा किया। विपक्ष के इस हंगामे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भड़क गए। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, विपक्ष को भारत के विदेश मंत्री पर नहीं, बल्कि पाकिस्तान पर भरोसा है। इसीलिए वे वहाँ बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे।
विपक्ष सच नहीं सुन सकता
गृह मंत्री आगे कहते हैं, भारत के लिए शपथ लेने वाले विदेश मंत्री यहाँ बोल रहे हैं, विपक्ष को उन पर भरोसा नहीं है, बल्कि पाकिस्तान पर ज़्यादा भरोसा है। मैं समझ सकता हूँ कि उनकी पार्टी में विदेशी मामलों का कितना महत्व है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि उनकी पार्टी की हर बात यहाँ सदन में थोपी जाए। विपक्ष सच नहीं सुन सकता। आपको भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है। यही वजह है कि आप वहाँ (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे।"
शाह ने आगे कहा, जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम धैर्यपूर्वक उनकी बात सुन रहे थे। मैं आपको कल बताऊँगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले हैं। अब वह सच सुनना ही नहीं चाहते। सदन में बैठकर हंगामा करने में उन्हें महारत हासिल है। लेकिन, जब इतने गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही हो, तो क्या विपक्ष को एक प्रमुख सरकारी विभाग के मंत्री को बीच में टोकना शोभा देता है?
ऑपरेशन सिंदूर पर जयशंकर ने क्या कहा?
लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूरÓ पर चर्चा के दौरान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि, भारत आतंकवाद, खासकर पाकिस्तान के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है। 'ऑपरेशन सिंदूरÓ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई टेलीफोन पर बातचीत नहीं हुई थी।