गोधस झरना दो हिस्सों में बंटकर गिरने वाला झरना है, लगभग 200 फीट ऊंचाई से गिर रहा जलप्रपात


छुरा । पूर्र्वी भारत में स्थित ओडिशा कई खूबसूरत जगहों पर और बेजोड़ प्राकृतिक सुन्दरता का घर है। बेजोड़ प्राकृतिक नजारों का घर होने के बावजूद भी ओडिशा आज भी पर्यटकों की नजरों से दूर हें। प्राचीन वास्तुकला से निर्मित मंदिर, समुद्र और खुबसूरत झरने है, जी हां झरने, ओडिशा में कई ऐसी खूबसूरत झरने है, जो ओडिशा के पर्यटन में खास भूमिका निभाते हैं। ज्ञात हो कि रसेला से 7 किलोमीटर दूर पर ओडिशा बार्डर की शुरुआत हो जाती है। रसेला से धरमबाधा 15 किलोमीटर वहीं धरमबाधा से गोधस 10 किलोमीटर दूर पर स्थित है। झरना सुनाबेडा वन्यजीव अभयारण्य में है और नुआपड़ा जिला से 29 किमी और रायपुर से 144 किमी दूर है।


 यह झरना 200 मीटर की ऊंचाई से दो भागों में एक ही स्थान पर गिरता है और खूबसूरत पहाडिय़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। गोधस झरना ओडिशा में एक छुपा हुआ रत्न है जो शहर के जीवन की हलचल से दूर एक शांतिपूर्ण वापसी प्रदान करता है, जो इसे प्राकृतिक सुन्दरता और शांति की तलाश करने वालों के लिए एक सार्थक गंतव्य बनाता है। झरना स्वच्छ और ठंडा पानी उत्पन्न करता है, जो इस जगह को प्राकृतिक स्नान के लिए अद्भुत बनाता है। सर्दियों में यहां पिकनिक मनाने का सबसे अच्छा समय है। 


झरना प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर है और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अच्छी जगह है। गोधस झरना इस क्षेत्र के सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक है। गोधस जलप्रपात देखने का सबसे अच्छा समय मानसून जून से सितम्बर के दौरान होता है, जब झरना अपने पूरे चरम पर होता है। इस खूबसूरत झरने, जिनकी शीतलता मन को और आत्मा को शांति पहुंचाती है। जहां अक्सर प्रकृति प्रेमी रंग बिरंगे पक्षियों को निहारने पहुंचते हैं। इसलिए दूर दूर से पर्यटक इस झरने की सैर करने आते हैं।



 सर्दियों के दौरान अधिक पर्यटक यहां आकर्षित होते हैं। यहां पानी को नीचे गिरते हुए देखना एक रोमांचक अनुभव साबित होता है। आस-पास का क्षेत्र हरा भरा होने के कारण पर्यटकों को यह जगह और ज्यादा लुभाती है। हरे भरे वातावरण के बीच पानी की आवाज इस स्थान पर बांधे रखेगी। 

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