नई दिल्ली। इस समय वैश्विक मंच से दो अच्छी खबरें हैं। एक ओर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा की गई। दूसरी ओर, ट्रम्प टैरिफ के कारण दोनों महाशक्तियों के बीच शुरू हुआ व्यापार युद्ध अब समाप्त होने की संभावना है। ट्रम्प के टैरिफ़ से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध छिड़ गया। इस पृष्ठभूमि में, दोनों देशों के बीच जिनेवा में दो दिनों तक लंबी व्यापार वार्ता हुई। अमेरिका और चीन के बीच जल्द ही एक समझौता हो जाएगा। व्हाइट हाउस ने रविवार को इसकी घोषणा की। व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई है और विस्तृत विवरण सोमवार को घोषित किया जाएगा।
अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर सहमत
बेसेंट ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच महत्वपूर्ण व्यापार वार्ता में सकारात्मक बातें हुई हैं। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर ने भी कहा है कि दोनों देशों के लिए तत्काल किसी तरह के समझौते पर पहुंचना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पहले के मतभेद अब नहीं रहे। ग्रीर ने कहा कि पिछले दो दिनों में काफी चर्चा हुई है और जमीनी स्तर पर काम हुआ है। अमेरिका का व्यापार घाटा 1.2 ट्रिलियन डॉलर जितना बड़ा है। इसलिए, राष्ट्रपति ट्रम्प ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की और टैरिफ लगाने की घोषणा की। चीन के साथ व्यापार समझौता निश्चित रूप से अमेरिका को इस संकट से बाहर निकालेगा।
टैरिफ निर्णय से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था हिल गई है। ट्रम्प ने चीन को छोड़कर अन्य देशों पर लगाए गए टैरिफ को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया था। हालाँकि, इससे चीन के साथ टैरिफ युद्ध चरम पर पहुँच गया। मामला यहां तक पहुंच गया कि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर 145 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया। दोनों महाशक्तियों के बीच व्यापार युद्ध छिडऩे का भय था। ऐसे में चीन की एप्पल समेत कई कंपनियों ने अपना कारोबार भारत में समेटने का फैसला किया है। अमेरिका और चीन के बीच इस तनाव से भारत को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। वास्तव में, ऐसा लगता है कि अमेरिका इस मामले में एक कदम पीछे चला गया है।
भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता भी कर रहा है
भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता भी कर रहा है। आर्थिक मोर्चे पर झटके की आशंका और भारत को होने वाले लाभ के बीच चीन और अमेरिका के बीच इस व्यापार समझौते से बीजिंग को आर्थिक मोर्चे पर राहत मिलने की उम्मीद है।