जम्मू। जम्मू और पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में फिर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू-कश्मीर की विभिन्न जेलों में आतंकवादी हमले की साजिश है। श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट भलवाल जेल को विशेष रूप से निशाना बनाया गया है। खुफिया विभाग से मिली जानकारी के बाद यहां अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इस जेल में हाई-प्रोफाइल आतंकवादी और उनकी मदद करने वाले ओवरग्राउंड कार्यकर्ता रहते हैं। इसलिए जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस जेल पर हमला कर वहां मौजूद आतंकवादियों को छुड़ाने की साजिश रची गई है। गुप्त अलर्ट के बाद सीआईएसएफ ने सेंट्रल जेल की सुरक्षा और बढ़ा दी है। पहलगाम हमले के बाद यह बात सामने आ रही है कि यह आतंकवादियों की बड़ी साजिश है। आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों से उनका धर्म पूछने के बाद उनकी हत्या कर दी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस और सरकार अलर्ट पर है।
खुफिया विभाग से मिले अलर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने श्रीनगर में सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें जेल की सुरक्षा की समीक्षा की गई। 2023 में सीआरपीएफ को जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। पिछले कुछ दिनों से एनआईए पहलगाम हमले की जांच कर रही है। जम्मू जेल में बंद एक ओवरग्राउंड वर्कर की भी जांच की जा रही है। राजौरी जिले में आतंकवादी हमले के बाद जेल में बंद दो लोगों को गिरफ्तार कर उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
इस बीच, सुरक्षा बलों को पुंछ जिले में एक आतंकवादी ठिकाना भी मिला है। वहां एक आईईडी जब्त किया गया है। जम्मू-कश्मीर की जेलों में कई बड़े आतंकवादी सजा काट रहे हैं। इस जेल पर हमले की आशंका है, इसलिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्लीपर सेल के सदस्य भी श्रीनगर और जम्मू दोनों जेलों में बंद हैं। पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों की तलाश अभी भी जारी है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि वह दक्षिण कश्मीर में छिपा हुआ है।