-देश के लिए उनका त्याग और समर्पण एक विकसित भारत के निर्माण में मार्गदर्शक रहेगा
नई दिल्ली। आज 28 मई भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। उन्होंने देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में बहुमूल्य भूमिका निभाई। उनके क्रांतिकारी विचारों ने स्वतंत्रता आंदोलन के युवाओं में अभूतपूर्व उत्साह पैदा किया। इस बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में कहा, "भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। विदेशी शासन द्वारा दी गई कठोर यातनाएं भी मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण को डिगा नहीं सकीं। स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अदम्य साहस और संघर्ष की कहानी को राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता। देश के लिए उनका त्याग और समर्पण भी विकसित भारत के निर्माण में मार्गदर्शक बना रहेगा।"
वीर सावरकर के बारे में संक्षिप्त जानकारी
सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था। उन्होंने युवावस्था से ही ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ बिगुल फूंक दिया था। सावरकर ने लंदन में 'अभिनव भारतÓ और 'फ्री इंडिया सोसाइटीÓ जैसे संगठनों की स्थापना की। उन्होंने भारतीय युवाओं को सशस्त्र क्रांति के लिए प्रेरित किया। अंग्रेज सावरकर से इतना डरते थे कि उन्हें दो बार काले पानी की सजा सुनाई गई। अंडमान की सेलुलर जेल में उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गईं। जेल से बाहर आने के बाद भी सावरकर ने अंग्रेजों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखा।