छत्तीसगढ़ में गर्मायी योजनाओं के नाम बदलने की राजनीति



पूर्व की भूपेश सरकार ने बीेजेपी सरकार की चल रही शिक्षा व श्रम की कई योजनाओं का बदला था नाम, जिस आत्मानंद पर कर रहे राजनीति, उसे भी 2019 में किया था परिवर्तित

रायपुर । छत्तीसगढ़ में चल रही योजनाओं के नाम बदलने को लेकर नई राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। इसे लेकर पूर्व सीएम व वर्तमान सीएम के बीच वाक युद्ध की स्थिति है। स्वामी आत्मानंद स्कूल के नाम परिवर्तन को लेकर लग रही अटकलों के बीच, कांग्रेस लगातार साय सरकार पर हमलावर है। वो धर्म, संस्कार व सिद्धांतों को लेकर भाजपा पर लगातार निशाना लगा रही है।

योजनाओं के नाम बदलने को लेकर कांग्रेस वर्तमान में तेवर दिखा रही हो, पर देखा जाए तो हकीकत तो यही है कि पिछले 5 सालों में कांग्रेस सरकार ने ही नाम बदलने का काम सबसे ज्यादा किया है। फिर चाहे बात स्कूल शिक्षा से जुड़ी योजनाओं की कर लें या फिर नगरीय निकाय से जुड़ी योजनाओं की लिस्ट देख लें। हैरानी की बात तो यही है कि जिस स्वामी आत्मानंद पर सबसे ज्यादा राजनीति गरमायी हुई है, खुद कांग्रेस सरकार ने वो नाम पंडित दीनदयाल के नाम से बदलकर योजना में शामिल किया है।

बीेजेपी ने शुरू की थी मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना

2017 में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के नाम पर टापर्स बच्चों को सम्मानित करने की योजना बनायी थी। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री की तरफ से कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लैपटॉप प्रदान किया जाता था, वहीं कक्षा 10वीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह 5000 रुपए (प्रतिवर्ष 10 माह) एवं कक्षा बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को दो वर्ष के लिए प्रतिमाह 10000 रुपए (प्रतिवर्ष 10 माह) छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी।

दीनदयाल मेधावी प्रोत्साहन योजना को आत्मानंद के नाम पर परिवर्तित

घोषणा के बाद दो साल तक योजना संचालित हुई, लेकिन जैसे ही 2019 में भूपेश बघेल की सरकार बनी, कांग्रेस सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना का नाम बदल दिया और स्वामी आत्मानंद मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना कर दिया। योजना के अन्तर्गत दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं में मेरिट (प्रथम दस स्थान) में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को लेपटॉप प्रदान करने और इसके अतिरिक्त कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के मेधावी विद्यार्थियों को 1.25 लाख प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

कई योजनाओं के नाम कांग्रेस ने बदला

कांग्रेस सरकार साल 2019 में जैसे ही सत्ता में आई कई योजनाओं व संस्थाओं का नाम उन्होंने परिवर्तित कर दिया। जगदलपुर स्थित बलीराम कश्यप मेडिकल कालेज का नाम बदलकर साल 2021 में कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर कर दिया है। यही नहीं इससे पहले नगरीय प्रशासन और श्रम विभाग में चल रही सात योजनाओं के नाम भी पिछली सरकार ने बदले थे। इनमें से ज्यादातर योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर थीं। तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (मौजूदा मुख्यमंत्री) विष्णुदेव साय ने इसे कांग्रेस का राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था। उन्होंने कहा था कि यह सरकार खुद कोई जनकल्याण का काम नहीं कर सकती, इस वजह से केवल नाम बदलकर झूठी वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है।


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