जब तक समाज में जाति व्यवस्था है, आरक्षण रहना चाहिए : सीएम सिद्धारमैया



बेगंलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि भले ही उन्हें देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री पद की पेशकश की जाए, लेकिन वह कभी भी भाजपा में शामिल नहीं होंगे। लोकसभा उम्मीदवार एम. लक्ष्मण के लिए वोट मांगने के लिए जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एससी-एसटी कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक ताकत तभी आती है जब हमारे पास वैचारिक स्पष्टता होती है। लोगों को बीजेपी-आरएसएस के जाल में नहीं फंसना चाहिए।  


सिद्धारमैया ने कहा देवेगौड़ा, जिन्होंने कहा था कि अगर मोदी प्रधानमंत्री बने तो वह देश छोड़ देंगे, अब कह रहे हैं कि उनका मोदी के साथ अटूट रिश्ता है। राजनेताओं को वैचारिक स्पष्टता रखनी चाहिए। बीजेपी और आरएसएस सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। इसलिए उन्हें आरक्षण पसंद नहीं है। आरक्षण कोई भीख नहीं है। यह उत्पीडि़त समाज का अधिकार है। जब तक समाज में जाति व्यवस्था है, आरक्षण रहना चाहिए।



क्या हमें आरएसएस से हाथ मिलाने के लिए जेडीएस की आलोचना नहीं करनी चाहिए? कांग्रेस ने बजट में दलित आबादी के अनुसार धन आवंटित करने के लिए एक कानून पारित किया है। हमारी सरकार ने विकास निधि का 24.1 प्रतिशत अलग रखने के लिए एक कानून पारित किया है। यह प्रगतिशील कानून है देश में किसी भी भाजपा सरकार ने इसे लागू नहीं किया है, केवल हमारी कांग्रेस सरकार ने ही इसे लागू किया है। समाज को इन सभी तथ्यों से अवगत होना चाहिए।

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