चैत्र नवरात्र: देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन और जसगीत की गूंज


रायपुर । छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। प्रदेश के प्रमुख देवी मंदिरों में मंगलवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं के भीड़ लगी रही। डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर, रायपुर की पुरानी बस्ती स्थित मां महामाया मंदिर, रतनपुर मंदिर में नवरात्र पर खास सजावट भी की गई है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही मनोकामना ज्योत भी प्रज्वल्लित की गई। प्रसिद्ध देवी मंदिरों और शक्ति पीठ में भजन और जसगीत की भी आज से धूम रहेगी। सप्तमी तक रोजाना शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक जसगीत और भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।

रायपुर के प्रसिद्ध प्राचीन महामाया देवी मंदिर 

में रही मां के भक्तों की कतार

रायपुर के प्रसिद्ध प्राचीन महामाया देवी मंदिर में सुबह से श्रद्धालु दर्शन करने मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर में आज से सप्तमी तक रोजाना शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक लोक कलाकारों की ओर से जसगीत और भजन प्रस्तुत किए जाएंगे। रोजाना महामाया देवी का शृंगार 2 समय होता है। सुबह 3 बजे और दोपहर 3 बजे। शृंगार के दौरान माता को 5-5 नौवारी साड़ी पहनाई जाती है। नौवारी साड़ी महाराष्ट्र की परम्परागत वेशभूषा है।

रतनपुर के महामाया मंदिर में 22 हजार 

ज्योति कलश प्रज्ज्वलित

महामाया मंदिर रतनुपर समेत शहर के देवी मंदिरों में घटस्थापना के बाद विधि-विधान से पूजा आराधना कर ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किया गया है। मंदिरों और घरों में परंपरानुसार जवारे भी बोए गए हैं। महामाया मंदिर में इस बार 22 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं।

मां बम्लेश्वरी मंदिर में 10 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित

राजनांदगांव में डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर में भी इस बार 10 हजार ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं। मां के दर्शन के लिए पहले दिन ही भक्तों का सैलाब उमड़ पडा है। डोंगरगढ़ देश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां आदि शक्ति मां बगलामुखी को समर्पित दो मंदिर हैं। एक 1600 फीट की ऊंचाई और दूसरा मंदिर नीचे समतल जमीन पर स्थित है। 

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