पीलीभीत से मेरा रिश्ता आखिरी सांस तक...; वरुण गांधी का जनता के नाम भावुक पत्र



-संसदीय क्षेत्र के लोगों को एक भावनात्मक पत्र लिखा है
-वरुण ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया 


नई दिल्ली। पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को एक भावुक पत्र लिखा है। इस बारे में वरुण गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया है। उन्होंने अपने पत्र में शुरू से ही हर बात का जिक्र किया है। जनता से रिश्ते पर टिप्पणी की। उन्होंने पत्र में साफ  कहा है कि हम आम लोगों की आवाज उठाने के लिए राजनीति में आये हैं और इस काम को किसी भी कीमत पर जारी रखने के लिए मैं आपका आशीर्वाद चाहता हूं।


वरुण गांधी ने पत्र की शुरुआत में लिखा, 'आज जब मैं यह पत्र लिख रहा हूं, तो मैं अनगिनत यादों से द्रवित हो गया हूं। मुझे याद है कि पहली बार 1983 में एक तीन साल का बच्चा अपनी मां की नाव पकड़कर पीलीभीत आया था।Ó एक तीन साल का बच्चा जानता है कि यह स्थान उसकी कर्मभूमि होगी और यहां के लोग उसका परिवार बनेंगे। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इतने वर्षों तक पीलीभीत के महान लोगों की सेवा करने का अवसर मिला।




मेरा रिश्ता आखिरी सांस तक


पीलीभीत के आदर्शों, सादगी और दयालुता ने न केवल एक सांसद के रूप में बल्कि एक व्यक्ति के रूप में भी मेरे पालन-पोषण और विकास में बहुत योगदान दिया है। आपके हित में आपका प्रतिनिधि होना और हमेशा अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से बात करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। हालांकि एक सांसद के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन पीलीभीत से मेरा रिश्ता मेरी आखिरी सांस तक खत्म नहीं हो सकता।



मैं तुम्हारा था, हूँ और तुम्हारा रहूँगा


मैं निजी तौर पर नहीं बल्कि एक बेटे के रूप में जीवन भर आपकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। पहले की तरह पीलीभीत के लोगों के लिए दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। मेरे और पीलीभीत के बीच का रिश्ता प्यार और विश्वास का है जो किसी भी रिश्ते से कहीं ऊपर है।वरुण गांधी ने अपने पत्र में कहा है मैं हमेशा आपका था, हूं और रहूंगा।

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