26 विपक्षी दल एक साथ आए, आपसी सामंजस्य का नहीं दिख रहा तालमेल

 


नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए विपक्षी पार्टियां मजबूत मोर्चा बनाने में जुट गई हैं। साथ ही बीजेपी के खिलाफ मिलकर लडऩे के लिए इंडिया नाम से गठबंधन भी बनाया है। इस गठबंधन के जरिए 26 विपक्षी दल एक साथ आए हैं। 

लेकिन परस्पर विरोधी पार्टियों के शामिल होने से ऐसा लग रहा है कि इस गठबंधन में पहले दिन से ही सामंजस्य नहीं है। मिली जानकारी के मुताबिक, वाम दलों ने साफ  कर दिया है कि वे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।

विपक्षी दलों की बैठक बुलाने और गठबंधन को नया नाम देने में कांग्रेस, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने अहम भूमिका निभाई है। कल विपक्षी दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये लड़ाई एनडीए और इंडिया के बीच है। ये लड़ाई नरेंद्र मोदी और इंडिया के बीच है। ये लड़ाई बीजेपी की विचारधारा और इंडिया के बीच है। ये लड़ाई देश के लिए है। इसलिए हमने इंडिया नाम चुना है। तो ममता बनर्जी ने कहा था कि एनडीए या बीजेपी इंडिया को चुनौती दे सकती है? हम भारत को बचाना चाहते हैं। हम देश को बचाना चाहते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इंडिया जीतेगा, भारत जीतेगा, देश जीतेगा, बीजेपी हारेगी।

इस संबंध में सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वाम दल कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के खिलाफ  लड़ेंगे। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। 

इंडिया फिलहाल प्रधानमंत्री पद के लिए किसी चेहरे का चयन नहीं करेगा। गठबंधन के सदस्य इंडिया में घटक दलों के बीच प्रतिद्वंद्विता को कम करने का प्रयास करेंगे। साथ ही लीड एक विशिष्ट राज्य के लिए होगी। इस बीच, पिछले हफ्ते कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने घोषणा की थी कि कांग्रेस और वामपंथी दल बंगाल में अगले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ेंगे।

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