महापुरुषों के दिखाए पथ पर चल रही हमारी सरकार : मुख्यमंत्री बघेल


  •  "आदिवासी संस्कृति को बचाने और सहेजने का काम हम कर रहे"
  • "बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में आज स्कूल और बैंक की मांग हो रही है, यही परिवर्तन है"
  • स्वदेश न्यूज की लॉन्चिंग में पहुंचे मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल

रायपुर।  "छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में हम लोग निकले हैं। आज डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती के अवसर पर मैं कह रहा हूं कि हमारी सरकार महापुरूषों के दिखाए पथ पर चल रही है और जनहित में काम कर रही है। हमारी सरकार ने किसानों, श्रमिकों, गरीबों, गौपालकों के आर्थिक समृद्धि के लिए काम किया है। हम आदिवासी संस्कृति को बचाने और सहेजने का काम कर रहे हैं। हमारी नीतियों ने प्रदेशवासियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है। 

बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में आज स्कूल और बैंक की मांग हो रही है, यही परिवर्तन है।" यह बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज एक निजी न्यूज चैनल के लॉन्चिंग अवसर पर कहीं। मुख्यमंत्री श्री बघेल स्वदेश न्यूज के लॉन्चिंग मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव डॉ. विनय जायसवाल, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे।

  कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से "हमर स्वदेश-हमर प्रदेश" थीम पर स्वदेश न्यूज के प्रधान संपादक श्री सुभाष मिश्रा एवं समूह संपादक श्री अभय किशोर ने चर्चा की। इस दौरान सबसे पहले उनसे रोका-छेका अभियान की जरूरत पर सवाल हुआ। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मानसून आ गया है। अब खेतों में रोपाई-निंदाई के काम शुरू हो चुके हैं। रोका-छेका अभियान मवेशियों के खेतों में जाने से रोकने के लिए है, ताकि मवेशी फसल को नुकसान न पहुंचाएं और किसानों की मेहनत बर्बाद न हो। ऐसे में रोका-छेका जरूरी है। 

बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार महापुरुषों के दिखाए पथ पर चलते हुए काम कर रही है। किसानों, श्रमिकों, गरीबों, गौपालकों के आर्थिक मजबूती देने के लिए काम किया जा रहा है। आज स्वास्थ्य, शिक्षा बहुत महंगी हो चुकी हैं। बीमारियां बताकर नहीं आतीं, और मध्यमवर्गीय या निम्न वर्गीय परिवार ऐसे परिस्थितियों के लिए तैयार नहीं होता। ऐसे में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के जरिए 5 लाख और मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना में 20 लाख रुपये तक की सहायता राज्य सरकार मुहैया करा रही है।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हम आदिवासी संस्कृति को बचाने और सहेजने का काम कर रहे हैं। देवगुड़ियों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। आदिवासी सभ्यता में गहराई से जुड़े घोटूल की सभ्यता को भी सहेजा जा रहा है। आदिवासी संस्कृति अपनी परम्पराओं के लिए जानी जाती है, लेकिन पूर्व में इनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। हमारी सरकार उस संस्कृति के संवर्धन के लिए काम कर रही है।

 उन्होंने कहा कि, वर्तमान राज्य सरकार गायों की सच्ची सेवा में लगी है। गायों के गोबर खरीदने की पहल के बाद अब आने वाले हरेली तिहार के मौके से गौमूत्र खरीदी की भी शुरुआत राज्य में की जाएगी। गोधन न्याय योजना शुरू करने के बाद आवारा मवेशियों की समस्या को दूर करने में मदद मिली है। वहीं बुढ़े मवेशियों को जहां लोग पहले खुले में छोड़ देते थे, और उन मवेशियों को चारा तक नसीब नहीं होता था, आज गोधन न्याय योजना के बाद गौपालक इन मवेशियों के लिए रहवास और चारा की व्यवस्था कर रहे हैं।

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