गोबर संग्रहण और वर्मी कंपोस्ट खाद के काम से घर वालों को थी परेशानी, दो साल में 93 लाख रूपए के टर्नओवर से अब बदल गया है घरवालों का नजरियाः प्रीति टोप्पो

 

रायपुर ।  कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ की रहने वाली प्रीति टोप्पो एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। दो साल पहले छत्तीसगढ़ में आज ही के दिन गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई। प्रीति को लगा जैसे ये योजना उन्हीं के लिए बनायी गयी है। प्रीति ने अपने ही जैसे अन्य महिलाओं के साथ एक महिला स्व सहायता समूह बनाया और गोबर संग्रहण के साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद के निर्माण में जुट गईं। 

आज दो वर्षों बाद प्रीति टोप्पो समूह के माध्यम से  93 लाख रूपए का वर्मी कंपोस्ट खाद बेच चुकी हैं । अब उन्हें अपनी आर्थिक आजादी के लिए किसी अन्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है। प्रीति ना सिर्फ खुद का बल्कि अपने साथ जुड़ी समूह की महिलाओं के लिए भी आर्थिक बदलाव लायी हैं और ये सब कुछ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच की वजह से संभव हो सका है जिन्होंने गोबर खरीदने की योजना बनाई और इस योजना से आज प्रीति जैसी हजारों महिलाएं आर्थिक स्वालवंबन की नई कहानियां लिख रही हैं।  

कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ के शहरी गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में संलग्न स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ, जो एक महिला स्वसहायता समूह है, आजकल काफी चर्चा में है और इस चर्चा का विषय यह है कि किस तरह इस समूह ने वर्मी कंपोस्ट खाद बेचकर 93 लाख रूपए कमाए हैं। चर्चा भी क्यों ना हो , किसने सोचा था कि गोधन इतने काम का हो सकता है। धार्मिक कार्यों में गोबर का बेहद महत्व है पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर को आर्थिक बदलाव की धुरी बना दिया है।

गोधन न्याय योजना पूरे देश में अपने किस्म की अनूठी योजना है। शासन की गोधन न्याय योजना ने गोबर को एक कमोडिटी में तब्दील कर दिया है। आज गोबर बेचा और खरीदा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार गोबर की खरीदी कर रही है। इस गोबर से गौठानों में स्व सहायता समूहों के द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है। इसी खाद के विक्रय से समूहों को जो लाभ हो रहा उससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है।

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