वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि तुरंत जारी करने की मांग की


जीएसटी परिषद की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस से शामिल हुए सिंहदेव, जीएसटी लागू होने के 5 वर्षों के बाद भी जारी रहे जीएसटी क्षतिपूर्ति


रायपुर। वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में भारत सरकार द्वारा जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि तुरंत जारी करने की मांग की। उन्होंने जीएसटी लागू होने के पांच वर्ष पूरे होने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने का आग्रह किया। श्री सिंहदेव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में शामिल हुए। उनके साथ वाणिज्यिक कर (जीएसटी) विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी और आयुक्त श्रीमती रानू साहू भी बैठक में शामिल हुईं।

वाणिज्यिक कर मंत्री श्री सिंहदेव ने जीएसटी परिषद की बैठक में कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार को जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि तुरंत जारी करना चाहिए। यदि केंद्र सरकार इसमें आर्थिक रूप से असक्षम है और इसके लिए ऋण लेना जरूरी हो तो भारत सरकार को स्वयं ऋण लेकर इसकी जिम्मेदारी लेना चाहिए। इसका बोझ राज्यों पर नहीं डालना चाहिए। उल्लेखनीय है कि चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए छत्तीसगढ़ को जीएसटी क्षतिपूर्ति की एक भी किश्त जारी नहीं हुई है।

जीएसटी परिषद की बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि कोरोना के कारण राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति में दिक्कत आ रही है। इसके लिए केंद्र सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है। भारत सरकार रिजर्व बैंक से कर्ज लेकर राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान कर सकती है या फिर राज्य सरकारें स्वयं ऋण लेकर वित्तीय संसाधन जुटा सकते हैं। राज्यों द्वारा इन दो विकल्पों पर दिए गए सुझावों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

श्री सिंहदेव ने बैठक में जीएसटी लागू होने के पांच वर्षों के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति देना जारी रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने के समय राज्यों ने अपने कर वसूलने का अधिकार क्षतिपूर्ति की शर्त पर ही छोड़ा था। केंद्र सरकार द्वारा इसे बंद या इसमें किसी तरह की कमी नहीं किया जाना चाहिए। जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिनियम तथा 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के अनुरूप कार्य करना केंद्र सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी एवं मौलिक दायित्व है। इस पर विश्वास कर ज्यादातर राज्यों ने जीएसटी पर सहमति जताई थी। जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों की कर वसूली में नुकसान की भरपाई भारत सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।

बैठक में श्री सिंहदेव ने कहा कि यदि इस बार जीएसटी संग्रहण कम हुआ है तो केंद्र सरकार का दायित्व है कि वह ऋण लेकर राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि प्रदान करें। इसे जारी न कर राज्यों को ऋण लेने के लिए मजबूर न करें। उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद की इस बैठक में कोरोना संक्रमण के प्रसार एवं राष्ट्रव्यापी लॉक-डाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ी मार के कारण जीएसटी की भरपाई करने में आने वाली दिक्कतों पर केंद्र सरकार ने राज्यों से सुझाव मांगे थे। वाणिज्यिक कर मंत्री श्री सिंहदेव ने बैठक में छत्तीसगढ़ का पक्ष और प्राथमिकताएं रखीं।




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