अगले दस साल में 275 अरब डॉलर का होगा भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र : हर्षवर्धन


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज कहा कि भारतीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगले 10 साल में 275 अरब डॉलर के होने की उम्मीद है। डॉ हर्षवर्धन ने आस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री ग्रेगरी एंड्यू हंट के साथ मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की। उन्होंने श्री हंट से कहा कि आस्ट्रेलिया की स्वास्थ्य प्रणाली विकसित देशों की अच्छी स्वास्थ्य प्रणाली में से एक है, तो भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के अगले 10 साल में 275 अरब डॉलर के होने की उम्मीद है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाली किसी भी अनिश्चितता के विपरीत भारत की घरेलू मांग इस क्षेत्र के विकास को बरकरार रहेगी। शोध एवं अनुसंधान तथा मेडिकल पर्यटन के क्षेत्र में भी यहां अपार संभावनायें हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग जैसी भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से आस्ट्रेलिया को अपने यहां मोटापे और उससे संबंधित रोगों के उपचार में मदद मिल सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने श्री हंट से की गयी बातचीत में कोरोना वायरस कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर डटे स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्यकर्मी, पैरामेडिकल स्टाफ और वैज्ञानिक कोरोना संक्रमण की रोकथाम और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये कोरोना वायरस की दवा खोजने और पुरानी दवाओं को बदलकर उसे कोरोना के उपचार के लायक बनाने में मदद कर रहे हैं। इन्होंने संक्रमण के शुरुआती दौर में ही वायरस को अलग करके जिनोम सिक्वेंस का इस्तेमाल करके उस अध्ययन कर रहे हैं। देश के दवा निर्माताओं की मदद से भारत ने 140 देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की है। भारत और आस्ट्रेलिया ने अप्रैल 2017 में स्वास्थ्य एवं दवा के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये थे।
श्री हंट ने जेनेरिक दवाओं की वैश्विक आपूर्ति में भारत के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि जेनेरिक दवाओं की वैश्विक आपूर्ति में भारत का योगदान 60 प्रतिशत का है। उन्होंने साथ ही कहा कि जिनोमिक्स और स्टेम सेल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके दुर्लभ बीमारियों के लिए नयी दवाओं के शोध में भारत आस्ट्रेलिया की मदद कर सकता है।

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