आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं घर-घर जा शिशुवती माताओं एवं बच्चो को बांट रही है पोशक आहार


  • लॉकडाउन में भी प्रशासन की कुपोशण से जंग जारी
  • सुपोशण अभियान के अंतर्गत 54 पंचायतों के 33 हजार 700 हितग्राहियों के घरों तक पहुँचा राशन

कोण्डागांव । विगत दिनों कोरोना वायरस से फैली बीमारी के कारण हुए देशव्यापी तालाबंदी से छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इसी तरह इस तालाबंदी से राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान जिसका लक्ष्य राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सुपोशित करना है, इसके भी प्रभावित होने की आशंका बनी हुई थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने इस आपदा स्थिति में भी इस योजना को अनवरत चालू रखने के लिए हितग्राहियों को सूखा राशन घर तक पहुंचाने का निर्णय लिया। 

इसके अंतर्गत कोण्डागांव जिले में कलेक्टर नीलकण्ठ टीकाम के निर्देश पर सूखे राशन का वितरण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत जिले में प्रथम चरण में 36 पंचायतों में 26175 हितग्राहियों तथा द्वितीय चरण में 18 पंचायतों के अंतर्गत 7525 हितग्राहियों को लक्षित किया गया था। इस तरह कुल 54 पंचायतों के 33750 हितग्राहियों को लक्षित कर उन तक सूखा राशन पहुंचाने का जिम्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने कंधे पर उठाया है। 

सूखे राशन में 06 माह से 3 वर्श तक के कुपोषित बच्चों एवं 15 से 49 वर्श की एनिमिक महिलाओं के लिए चांवल, दाल, आलू, प्याज, सोयाबीन, मटर अथवा चना, नमक तेल एवं मसाले दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही गर्भवतियों, शिशुवती माताओं व बच्चो के स्वास्थ्य का भी ध्यान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भेंट के माध्यम से रखा जा रहा है एवं नियत समय पर लगने वाले टीकाकरण भी ए.एन.एम. व मितानिन के सहयोग से हितग्राहियों को लगाया जा रहा है। इस विषम परिस्थिति में घर में ही रेडी टू ईट पोशण आहार का पैकेट मिलने से बच्चो के अभिभावकों ने खुशी जाहिर किया है।

कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने निर्देशित किया है कि वर्तमान में कोरोना वायरस कोविड-19 के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन किया गया है। जिसके मद्देनजर सभी लक्षित हितग्राहियों को गर्म भोजन के स्थान पर शुष्क पौष्टिक राशन देने की व्यवस्था की गई है। चूंकि लॉक डाउन के चलते सुपोषण अभियान अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है जिसके निदान के लिए महिला बाल विकास विभाग को सूखा राशन (चावल, गेहूं, दाल), स्थानीय रूचि एवं उपलब्धता के अनुसार अन्य पौष्टिक आहार का पैकेट बनाकर उपलब्ध कराने को कहा गया है।

 इसके अलावा सूखा राशन वितरित करते समय स्वच्छता एवं सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियमो के पालन के भी निर्देश दिए गए है। ज्ञात हो कि जिले में 4900 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं जबकि 14965 मध्यम कुपोषित इसी तरह 15 से 49 वर्श तक कि कुल 115000 महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की लक्षित हितग्राहियों के अतिरिक्त अन्य सभी गर्भवती, शिशुवती, एनीमिक महिलाओं एवं 06 माह से 3 वर्श तक के कुपोशित बच्चों को भी राज्य शासन के निर्देश पर महिला बाल विकास विभाग द्वारा इस आपदा स्थिति में निःशुल्क पूरक आहार एवं सूखे राशन की घर पहुंच सुविधा सुनिश्चित की गई है।

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