विज्ञान को बनायें समावेशी विकास का हथियार : कोविंद

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विज्ञान को समावेशी विकास का हथियार बनाने की अपील करते हुये शुक्रवार को कहा कि आम लोगों के विकास और समृद्धि के लिए यह जरूरी है कि विज्ञान का समाज से सीधा संपर्क हो। कोविंद ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर यहाँ विज्ञान भवन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा "वैज्ञानिक अनुसंधानों के फायदों का सर्वोत्तम प्रभाव तभी होगा जब वह कम संसाधनों वाले संस्थानों, हमारे युवाओं, महिलाओं और सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तक पहुँचेगा। हमें विज्ञान को समावेशी विकास का ऐसा हथियार बनाने का संकल्प करना होगा जो 130 करोड़ लोगों की विविधता का सम्मान करे और इसकी शक्ति का वास्तव में सदुपयोग कर सके। उन्होंने कहा कि अपने वैज्ञानिक उद्यमों की गुणवत्ता और प्रासंगिकता बढऩे का संकल्प लेने की अपील करते हुये कहा कि विज्ञान को देश के लोगों के विकास और समृद्धि में योगदान कर उनके लिए काम करना चाहिये। इसका एक तरीका समाज के साथ विज्ञान का सीधा संपर्क बनाना है। हमें अपने विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं में मौजूद सभी साधनों जैसे ज्ञान, श्रमबल और बुनियादी ढाँचों के साथ विज्ञान के सभी हितधारकों और समाज के विस्तृत वर्ग तक पहुँचने की कोशिश करनी चाहिये। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर विज्ञान संचार एवं प्रसार के लिए 21 लोगों को पुरस्कृत किया।

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