कुपोषित अनन्या को मिली सेहतमंद जिंदगी

रायपुर। प्रदेशव्यापी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कई कुपोषित बच्चों को स्वस्थ जीवन मिला है,उनमें से एक हैं दुर्ग जिले की एक साल की नन्ही अनन्या यादव। भिलाई-3 की रहने वाली अनन्या के चेहरे की मुस्कान देखकर अन्दाजा लगाना मुश्किल है कि सिर्फ चार माह पहले ये बच्ची गंभीर कुपोषण का शिकार थी। नियमित देखरेख से कुमारी अनन्या महज चार महीनों में कुपोषण को मात देकर अब सेहतमंद जिन्दगी जी रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंगनबाडिय़ों में कार्यकर्ताओं की लगन और सुपरवाइजर तथा परियोजना अधिकारी की सतत मॉनिटरिंग से अच्छे नतीजे सामने आ रहे है। कुमारी अनन्या का प्रकरण काफी चुनौती भरा था। नियमित देखरेख से कम समय में ही अनन्या को कुपोषण के जाल से मुक्त किया जा सका है। उन्होंने बताया कि अनन्या जन्म से ही काफी कमजोर थी। 6 नवम्बर 2018 को जन्म के समय उसका वजन सिर्फ 1 किलो 600 किलोग्राम था। आंगनबाड़ी केन्द्र भिलाई-3 की कार्यकर्ता श्रीमती अनिता साहू को जब इसका पता चला तो वह तत्काल गृहभेंट पर गई और परिवार वालों को बच्ची के सेहत के संबंध में समझाईश दी। साथ ही एकीकृत बाल विकास योजना के तहत अनन्या का पंजीयन कर उसे लाभान्वित किया जाने लगा। गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत हुई तब अनन्या लगभग 11 माह की थी और उसका वजन लगभग 6 किलोग्राम था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बच्ची को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत चिन्हाकित किया और उसे बाल संदर्भ शिविर में लेकर गई। शिविर में डॉक्टर ने अनन्या की स्वास्थ्य जॉच के बाद उसे पोषण पुर्नवास केन्द्र में रखने की सलाह दी। साथ ही उसे मल्टीविटामिन, आयरन-कैल्शियम सिरप और दूसरी जरुरी दवाईयॉ प्रदान की गई। 15 दिनों तक पोषण पुर्नवास केन्द्र में रहने के बाद अनन्या के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। इसके बाद अनन्या को आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित रूप से पोषण आहार के रूप में प्रोटीनयुक्त चिक्की, मौसमी फल, दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज आदि दिया जाने लगा। साथ ही घर में भी प्रोटीनयुक्त पौष्टिक आहार जैसे अण्डा, दालें आदि देने की सलाह दी गई। नतीजतन अनन्या का वजन लगातार बढऩे लगा और उसकी सेहत सुधरने लगी। फरवरी के पहले हप्ते में जब अनन्या का वजन किया गया तो अनन्या का वजन 7 किलो 900 किलोग्राम पाया गया और वह सामान्य की श्रेणी में आ गई। अब अनन्या में कुपोषण के कारण आई चिड़चिड़ाहट दूर हो गई है और चेहरे पर खिलखिलाहट साफ नजर आने लगी है।

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