जिंदल स्टेनलेस ने अपनाया एओडी-लेवल 2-ऑटोमेशन

नई दिल्ली। स्टेनलेस स्टील निर्माता जिंदल स्टेनलेस लिमिटेड (जेएसएल) ने ओडि़शा के जाजपुर स्थित अपने संयंत्र में आर्गन ऑक्सीजन डीकाब्र्यूराइज़ेशन (एओडी) कन्वर्टर के लिए लेवल-2 ऑटोमेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
कंपनी ने बुधवार को यहां जारी बयान में कहा कि ऑटोमेशन प्रक्रिया से उसने 'रियल-टाइम कार्बन और तापमान विश्लेषण की मदद से उत्पादन में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। प्राइमेटल्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की सहायता से यह प्रक्रिया दो सप्ताह में पूरी की गई है। जेएसएल के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा कि ऑटोमेशन की यह प्रक्रिया बेहतर परिचालन दक्षता प्राप्त करने और आधुनिकतम प्रौद्योगिकी अपनाकर ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद पेश करने में सहायक होगी। कंपनी अपनी उत्पादन प्रक्रिया को शत-प्रतिशत डिजिटल बनाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगी जिससे जेएसएल और इसके भागीदारों को लाभ हो। एओडी कन्वर्टर के लेवल-2 प्रक्रिया ऑटोमेशन संयंत्र की कुल रिफाइनिंग क्षमता में बढ़ोतरी होगी। गणना से त्रुटियों को कम किया जा सकेगा क्योंकि इन प्रक्रियाओं से जुड़े इनपुट मटीरियल पहले से तैयार किये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया मॉडल मेटलर्जी से जुड़े समीकरणों पर आधारित है जिनमें साइक्लिक ऑनलाइन गणना का उपयोग होता है ताकि रियल टाइम और भविष्य की किसी निश्चित अवधि के आधार पर एओडी कन्वर्टर में रासायनिक प्रतिक्रिया का आकलन किया जा सके। यह पूरी प्रक्रिया उत्पादित स्टेनलेस स्टील में सुधार करती है। इस उन्नयन से भविष्य में अधिकतम उपयोग और नई योजनाओं के लिए एक बेशकीमती डाटाबेस तैयार करने में भी मदद मिलेगी। एओडी प्रक्रिया का उपयोग विश्व-भर में मुख्य तौर पर स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के अन्य एलॉय (मिश्र धातु) तैयार करने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया में कार्बन और अन्य अशुद्धयों को दूर किया जाता है ताकि बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाये जा सकें। जेएसएल 2011 से अपने एओडी कन्वर्टर का परिचालन कर रही है। लेवल-2 ऑटोमेशन कईं प्रकार के इंटरफ़ेस प्रदान करती है और अब इसे जेएसएल की मौजूदा प्रोद्योगिकी व्यवस्था के साथ एकीकृत कर लिया गया है।

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