जेएनयू विद्यार्थियों को पुरानी नियमावली के तहत पंजीयन की अनुमति

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों को शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पुरानी हॉस्टल नियमावली के अनुसार पंजीयन कराने की अनुमति प्रदान कर दी है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश याचिका में कहा कि नयी नियमावली के अनुसार हॉस्टल शुल्क में वृद्धि कर दी गयी है जिससे आरक्षित वर्ग के विद्यार्थी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इससे कक्ष आवंटन पर असर पड़ा है और जेएनयू छात्र संघ का हॉस्टल प्रशासन में प्रतिनिधित्व घटा है। याचिका में कहा गया है कि निर्णय लेने की संपूर्ण प्रक्रिया मनमानी, अवैध और त्रुटिपूर्ण है। शुल्क वृद्धि से विद्यार्थी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और छात्रों के प्रतिनिधित्व के बिना निर्णय लेने की प्रक्रिया अपनायी गयी है। वकील ने हॉस्टल नियमावली में गरीबी की रेखा से नीचे / आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी की शुरुआत को तर्कहीन और मनमानी करार दिया है।

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