24 मई को होगा फाइनल, नहीं होंगे दिन में 2 मुकाबले, जल्दी शुरू होंगे मैच

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 की शुरुआत मुंबई में 29 मार्च को वानखेड़े स्टेडियम में होनी तय है। वहीं इसका फाइनल अब 24 मई को खेला जाएगा। यह टूर्नमेंट 57 दिन चलेगा इसका अर्थ यह है कि शायद अब ब्रॉडकास्टर्स की चल जाए और किसी भी दो दिन मुकाबले नहीं होंगे। हर मैच की शुरुआत शाम साढ़े सात बजे ही शुरू होंगे। 
सूत्र ने कहा, 'हालांकि अभी पूरा शेड्यूल तैयार नहीं है लेकिन यह तय है कि टूर्नमेंट का फाइनल 24 मई को होगा और इसकी शुरुआत 29 मार्च को मुंबई में होगी। इसका अर्थ है कि आपको 45 दिन से ज्यादा वक्त मिलेगा। ऐसे में एक दिन में एक मैच करवाने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। यह देखते हुए कि प्रसारणकर्ता मैच को जल्दी शुरू करना चाहते थ सूत्र ने कहा कि यह भी लगभग तय है कि मैच शाम साढ़े सात बजे शुरू हो जाएंगे। यह सिर्फ प्रसारणकर्ताओं की बात नहीं है बल्कि अगर हम पिछले सीजन को देखें तो अधिकतर मैच काफी देर से समाप्त हुए थे। उन्होंने कहा, 'देखिए, टीआरपी एक सवाल जरूर है। लेकिन आप सिर्फ उसे ही मत देखिए। आप देखिये कि पिछले साल मैच कितनी देर से समाप्त हुए थे। यह उन लोगों के लिए भी समस्या थी जो मैच देखने स्टेडियम में आए थे। उन लोगों को भी मैच के बाद घर जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इस बारे में काफी बात की गई और अब लगता है कि इस सीजन में मैच शाम को साढ़े सात बजे शुरू हो सकते हैं।हालांकि फ्रैंचाइजी मानते हैं कि जिस समय मैच शुरू करने की बात कही जा रही है उस समय तक लोगों के लिए काम खत्म करके मैदान पर पहुंच पाना लगभग असंभव है।
एक फ्रैंचाइजी के अधिकारी ने कहा, 'मान लीजिए आप दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु जैसे किसी महानगर में रहते हैं तो आपको ट्रैफिक की भारी समस्या से जूझना पड़ता है। तो क्या आपको वाकई लगता है कि लोग दफ्तर से 6 बजे निकलकर अपने परिवार के साथ मैच शुरू हो ने से पहले स्टेडियम में पहुंच सकते हैं? मैच शुरू करने का वक्त बदलने से पहले इस बारे में विचार किया जाना चाहिए। डबल-हेडर्स के बारे में भी फ्रैंचाइजी का कहना है कि प्रसारणकर्ता चार बजे के मैच को लेकर अधिक उत्साहित नहीं थे, लेकिन सूत्र का कहना है कि यहां कमाई का भी एक बड़ा प्रश्न था। सूत्र ने बताया, 'क्या आपको लगता है कि सिर्फ प्रसारणकर्ता को ही परेशानी थी? हमें व्यावहारिक होकर बात करनी चाहिए। फ्रैंचाइजी को भी दोपहर के मैचों में स्टैंड भरने में परेशानी हो रही थी। तो अच्छा यही है कि दोपहर के मैचों को विदा कहा जाए और एक दिन में एक ही मैच पर फोकस किया जाए।

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