रायपुर को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने में हो सबकी भागीदारी : बघेल


  • मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शहरी नवाचार कार्यशाला का किया शुभारंभ

  • शहर विकास के लिए देश-विदेश के एक्सपर्ट ने दिए सुझाव


रायपुर। मुख्यमंत्री (CM) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) आज राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय शहरी नवाचार कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि रायपुर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सबकी सहभागिता जरूरी है। इस एक दिवसीय कार्यशाला में शहर के विकास के लिए अपनी राय साझा करने देश-विदेश के नगरीय निकायों के प्रमुख बड़ी संख्या में शामिल हुए। बघेल ने कार्यक्रम में रायपुर शहर की स्वच्छता के लिए कार्य करने वाले सफाई कर्मियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रायपुर नगर पालिक निगम के महापौर प्रमोद दुबे (Pramod Dubey) ने किया।  मुख्यमंत्री बघेल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि रायपुर शहर तेजी से स्मार्ट सिटी की ओर अग्रसर है। इसे स्वच्छ, सुग्घर और सुंदर शहर के रूप में पहचान दिलाने में सभी लोगों की सहभागीता होनी चाहिए। हर व्यक्ति संकल्प ले कि शहर के गली-मोहल्लों में जहां-कहीं भी कचरा न फेंके और इसे हमेशा साफ-सुथरा रखें। साथ ही गली-मोहल्लों के नाली तथा सड़कों की नियमित रूप से साफ-सफाई रखने पर ध्यान दें। बघेल ने कहा कि रायपुर शहर को स्मार्ट सिटी (Smart City) बनाने के लिए हर आवश्यक सुविधाओं तथा संसाधनों का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने इसे जल्द ही कचरा तथा प्लास्टिक मुक्त शहर के रूप में भी पहचान देने के लिए लोगों को संकल्प लेने के लिए कहा।  मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यशाला में शहरों के विकास के लिए नवाचारों के संबंध में ऐसी तकनीक के उपयोग पर बल दिया कि इससे शहरों का समुचित रूप से विकास हो, पर इससे किसी तरह प्रदूषण न बढ़े। मच्छरों का प्रकोप न हो और इसके कारण डेंगू व मलेरिया आदि से होने वाली मौतों की समस्या न हो। शहर का ऐसे स्मार्ट सिटी के रूप में विकास हो, जहां नागरिकों को सड़क किनारे रात गुजारनी न पड़े। बघेल ने शहरों के समग्र रूप से विकास के लिए वहां नये-नये निर्माण के साथ-साथ संसाधनों के सही ढ़ंग से उपयोग पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि यहां उपलब्ध सुविधाओं का सही ढंग़ से इस्तेमाल करेंगे, तो उनका दूरगामी लाभ मिलेगा। उन्होंने रायपुर शहर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नगर निगम के उपायों की भी सराहना की। बघेल ने इस तरह रायपुर को तेजी से स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान देने में सभी लोगों की भागीदारी के लिए विशेष रूप से आव्हान किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महापौर प्रमोद दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का स्मार्ट सिटी के रूप में तेजी से विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार की पहल पर यहां नागरिकों की सुविधाओं के लिए अधोसंरचना के निर्माण सहित सभी जरूरी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रायपुर शहर में सुगम पेयजल की उपलब्धता के लिए घर-घर नल-जल पहुंचाने के लिए समुचित प्रयास हो रहे हैं। हाल ही में सात पानी टंकियों का निर्माण पूर्ण हो गया है। इसके अलावा दस पानी टंकियों का निर्माण भी स्वीकृत है। इससे रायपुर शहर टैंकर मुक्त शहर के रूप में पहचाना जाएगा। शासन की महत्वाकांसुराजी ग्राम योजना के तहत फुण्डहर में लगभग 20 एकड़ में आधुनिक गौठान का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह खारून नदी को स्वच्छ जल की नदी के रूप में पहचान देने के लिए पांच विभिन्न जगहों पर फिल्टर प्लांट लगाये जा रहे हैं। वार्डो के हर गली-मोहल्लों में बिजली, पानी तथा सड़कों और साफ-सफाई व्यवस्था के लिए हर संभव पहल की जा रही है। कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी के प्रबंध संचालक शिव अनंत तायल ने कार्यशाला के आयोजन के संबंध में जानकारी दी।

    कार्यशाला में जर्मनी के कॉसुल जर्नल डॉ. जर्गन मोहरॉड, ट्युनेशिया के फस्र्ट सेक्रेटरी अली मेफताही, उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल डी.जी. महेन्द्र मोदी, उत्तराखण्ड मेट्रो के एम.डी. जितेन्द्र त्यागी, जम्मु कश्मीर के परिवहन सचिव अमित शर्मा, तेलंगाना नगरीय प्रशासन के निदेशक डॉ. टी.के. श्रीदेवी, उत्तराखण्ड के हेल्थ डायरेक्टर डॉ. मनु जैन, कर्णाटक के चीफ कंजर्वेटर फॅारेस्ट राजकुमार श्रीवास्तव, इलेट्स के सी.ई.ओ. डॉ. रवि गुप्ता भी रायपुर में होंगे। इस कार्यशाला में छत्तीसगढ़ नगरीय प्रशासन की विशेष सचिव श्रीमती अलरमेल मंगईडी, कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन सहित संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे। 

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