थम नहीं रहा गजराज का आतंक


  • केतकी झरिया इलाके में जमा है, मप्र से आया हाथियों का दल
  • हाथियों के इसी दल ने बहरासी, जनकपुर व बिहारपुर रेंज में मचाया था आतंक

बैकुंठपुर। कोरिया जिले में विगत कई वर्षों से हाथियों का आतंक बना हुआ है। आए दिन किसी न किसी इलाके से हाथियों द्वारा लोगों को नुकसान (Loss) पहुंचाए जाने की खबरें आती रहती हैं। हाथियों के दल (Group Of Elephant) ने जिले के मनेन्द्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत बहरासी, जनकपुर व बिहारपुर रेंज के इलाके में कुछ दिनों पूर्व आतंक मचाया था जो कि पुन: एक हप्तों से इन क्षेत्रों से होते हुए कोरिया वन मंडल बैकुंठपुर की सीमा में आ चुके हैं। अभी हाथियों का एक दल कोरिया वन मंडल के बैकुंठपुर वन परिक्षेत्र  के आनंदपुर के निकट  स्थित ग्राम केतकी झरिया इलाके में डटा हुआ है, जहां इस दल में सात हाथियों के शामिल होने की पुष्टि वन अधिकारियों ने की है। वहीं इस दल के मध्यप्रदेश की सीमा से आने की बात कही जा रही । जानकारी अनुसार  हाथियों के इस दल ने मंगलवार  की रात दो  ग्रामीण का घर तोड़ दिया था जहा  इसकी सुध लेने देवगढ रेंज अंतर्गत बशेर बीट में आने वाले इस ग्राम में  वन अमला नहीं पहुंचा था जहा इस रेन्ज के अधिकारी मनेन्द्रगढ़ वन मंडल का मामला होना बता कर अपना पल्ला लिए वही मनेन्द्रगढ़ के वन अधिकारी कोरिया वन मंडल में होने की बात कह कर ग्रामीण को वहाँ संपर्क करने की बात कही गई जिससे मामला मीडिया में आने के पश्चात मनेन्द्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत आने वाले अधिकारियों ने ग्रामीणों के हुए फसल नुकसान व मकान नुकसान का आकलन कर उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है वही हाथियों के इस दल ने लगभग 1 हेक्टेयर क्षेत्र के फसल को नुकसान पहुँचाया है वही तीन ग्रामीणों के घर को नुकसान पहुचाने की बात कही जा रही वही कोरिया वन मंडल के अधिकारी जिले में वर्षा के कारण हुए फसल नुकसान में आकलन में विलंब होने की बात कह कर जल्द ग्रामीणों को हुए नुकसान का भुगतान करने का दावा कर रहे ।
हाथियों का दल कोरिया जिले में प्रतिवर्ष एक निश्चित मार्ग से आना-जाना करता है। पिछले कुछ वर्षो  से हाथियों ने जहां कई लोगों की जान ले ली। वहीं घरों को तोडऩे के अलावा कई एकड़ में लगी फसलों को रौंद भी  डाला। कई लोगों को वन विभाग द्वारा मुआवजा भी प्रदान किया गया इसके बावजूद अब भी इन हाथियों को जंगल से ग्रामीण व सहरी इलाको के निकट आने से रोकने के लिए कोई विशेष पहल नही किया जा सका जब कि प्रतिवर्ष लाखों रुपये मुआवजा के रूप में ही भुगतान कर दिया जाता हैं  फिलहाल हाथियों का यह दल कोरिया जिले के बैकुंठपुर  से लगे ग्राम कटगोड़ी के निकट जंगल में डटा हुआ है।
जानकारी अनुसार मंगलवार की रात हाथियों के इस दल ने अमृत धारा व बशेर के निकट   राम रूप पिता राजरूप अहीर ग्राम बसेर   व   जयलाल पिता मनोहर सिंह गोड  के फसल नुकसान के साथ साथ घर को भी   नुकसान पहुचा  दिया। हाथियों का दल रात में जैसे ही ग्रामीण के घर के पास पहुंचा, उसका परिवार वहां से जान बचाकर भागा। जहा बुधवार सुबह तक वन अमले ने उसकी सुध नहीं ली थी।वही मीडिया दखल के पश्चात दोपहर बाद वन अमला ने हाथियों से हुए नुकसान का आकलन कर जल्द ग्रामीणों को सहयोग करने की बात कही । अखिलेश मिश्रा ,वन परिक्षेत्र अधिकारी बैकुंठपुर -इस दल में सात हाथी है जो कि वर्तमान में बैकुंठपुर वन परिक्षेेत्र अंतर्गत केतकी झरिया में डटे हुए हैं आस पास स्तिथ ग्रामीण क्षेत्रो के ग्रामीणों को सावधानी पूर्वक इन रास्तों से जाने के साथ साथ हाथियों से दूर रहने की जानकारी दिया गया है वही वन अमला इन पर नजर बनाए हुए है ।

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